Published On : Wed, Oct 3rd, 2018

जिप कृषि विभाग की ढुलमुल नीति से लाभार्थी किसान वंचित

Nagpur Zila Parishad, Nagpur ZP

नागपुर : जिला परिषद में कृषि विभाग सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. लेकिन इसी विभाग का कार्य सबसे अधिक लचर चल रहा है. जबसे डीबीटी की योजना लागू हुई है, तब से विभाग की व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं में एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया और जिले के लाभार्थी किसानों को उनके अधिकार का लाभ नहीं मिला.

मालूम हो कि कृषि समिति की बैठक में एक जिप सदस्य ने यह सनसनीखेज जानकारी रखी कि मौदा पंचायत समिति में किसानों को वितरित किए जाने वाले 722 स्प्रे पम्प, जिसकी कीमत लाखों रुपये की है, वे 2016 से ही कबाड़ होते पड़े हुए हैं. लाभार्थियों को स्प्रे पम्प का वितरण तक नहीं किया गया है. इस संदर्भ में जब उन्होंने जिप अध्यक्ष को जानकारी दी तो उनका कहना था कि वे 2-3 महीने पहले मौदा पंचायत समिति के दौरे पर गई थीं तब वहां स्प्रे पम्प नहीं थे. इससे यह भी सवाल खड़ा हो गया है कि वर्ष 2016 के लाभार्थियों को वितरित करने वाले खरीदे गए ये स्प्रे पम्प आखिर कहां छिपाकर रखे गए थे. अब तो ये पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं.

Gold Rate
Tuesday 18 Feb. 2025
Gold 24 KT 85,800 /-
Gold 22 KT 79,800 /-
Silver / Kg 96,900 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

गुमराह कर रहे अधिकारी – समिति की बैठक में मौदा तहसील कृषि अधिकारी ने जानकारी दी कि ये स्प्रे पम्प डीबीटी लागू होने के पहले के हैं, लेकिन बाद में डीबीटी लागू कर दी गई इसलिए वितरित नहीं किया जा सका. यादव ने सवाल उठाया कि डीबीटी लागू होने के पूर्व व्यक्तिगत लाभ योजना के तहत जिप के सेसफंड से लाखों खर्च कर खरीदे गए स्प्रे पम्प को किसानों को वितरित किया जा सकता था. क्योंकि इसे खरीदने के पूर्व तक डीबीटी लागू नहीं हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी सरकारी नियमों की आड़ में मनमानी कर रहे हैं और जनता के लाखों रुपये इस तरह बर्बाद कर रहे हैं. इस ओर जिप सीईओ को ध्यान देना चाहिए. 722 लाभार्थी किसान स्प्रे पम्प से पिछले 2 वर्ष से वंचित हैं लेकिन उसका वितरण नहीं कर पम्पों को कबाड़ बनाया जा रहा है.

उल्लेखनीय यह है कि जिला परिषद का कृषि विभाग डीबीटी लागू होने के बाद अब तक व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं में एक रुपया भी खर्च नहीं कर पाया है, जो चिंताजनक है. बैठक में सामने आया कि पिछले वर्ष व्यक्तिगत लाभ की योजना तालपत्री को छोड़कर किसी भी योजना की डीबीटी नहीं हुई. तालपत्री पर भी निर्धारित निधि का 50 फीसदी ही खर्च किया गया. एचडीपी पाइप के 8.19 लाख रुपये, पीयूसी पाइप के 13.09 लाख रुपये, 5 एचपी इलेक्ट्रिक पंप के लाखों रुपये, डीजल इंजन का 60 हजार रुपये में से एक रुपये की भी डीबीटी नहीं की जा सकी है. कृषि समिति सभापति इस ओर से बिल्कुल उदासीन व निराश लगती हैं. उन्होंने तो एक आम सभा में अपनी लाचारी प्रकट करते हुए यह तक कह दिया था कि क्या कृषि विभाग के लिए डीबीटी रद्द नहीं की जा सकती, जबकि जिप के अन्य विभागों ने अपनी योजनाओं के करीब 50 फीसदी तक डीबीटी को अमल में लाया है.

Advertisement