नागपुर: एनसीपी नगरसेवक दुनेश्वर पेठे ने एक पत्र परिषद् के माध्यम से महापौर पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि जनहितार्थ मांगों को सुलझाने के सन्दर्भ में निवेदन देने के अवसर जरूर दिए लेकिन चर्चा कर समस्या सुलझाने में रुचि नहीं दिखाई. ऐसा प्रतित होता है कि वे सिर्फ नाम की महापौर हैं, उनके पीछे से कोई मनपा में राज कर रहा है, जिसे मनपा प्रशासन तवज्जों देती आ रही है. वैसे भी उनके सवा साल के कार्यकाल की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, इसलिए वे अपने हितार्थ कामों को प्राथमिकता देने में लीन हैं. पेठे व एनसीपी पदाधिकारी इटकेलवार के साथ कार्यकर्ताओं द्वारा महापौर को सौंपे गए निवेदन के अनुसार
स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारियों पर गंभीर नहीं सत्ताधारी दल
पेठे ने जानकारी दी कि नागपुर शहर में भीषण गंदगी, जल जमाव, प्रदूषण आदि से स्वाइन फ्लू, डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियां रहवासियों को जकड़ते जा रही हैं. खासकर शहर के उन भागों में जहां पानी और कचरे कभी उठाए ही नहीं जाते.बस्तियों का हाल बदहाल है. मनपा प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग और महापौर का इस ओर ध्यानाकर्षण करवाने के बावजूद नज़रअंदाजी समझ से परे है. इस मामले पर महापौर ने शिष्टमंडल को टालते हुए अगले ८ दिन में समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया.
भांडेवाड़ी में एनएचयूएम या आरसीएच केंद्र शुरू करें
पेठे के अनुसार प्रभाग 23 में आरसीएच सेंटर थे. राज्य सरकार के आदेशानुसार उक्त सेंटर को बंद कर दिया गया. प्रभाग 23 अंतर्गत कामगार वर्ग, स्लम में रहने वालों की संख्या बड़े पैमाने में है. इन्हीं बस्तियों के समीप भांडेवाड़ी जैसे प्रदूषित डंपिंग यार्ड है. इन गरीब नागरिकों के स्वास्थ्य के हितार्थ शीघ्र मनपा प्रशासन एनएचयूएम का केंद्र शुरू करें. बंद किए गए आरसीएम केंद्रों में पड़े कीमती सामानों का सदुपयोग नहीं किए जाने से सड़-गल गए हैं. इस मामले में दोषियों पर कानूनन कार्रवाई की जाए.
मनपा की लापरवाही से मेट्रो रेल निर्माण स्थलों पर आवाजाही प्रभावित
पेठे ने बताया कि मेट्रो रेल से निश्चित ही शहर का दर्जा बढेगा. इस रेल में मनपा की ५% की हिस्सेदारी है. मनपा इसके निर्माण में लगभग ५०० करोड़ का शेयर देने वाली है. इतना ही शेयर नागपुर सुधार प्रन्यास देने वाली हैं.कुछ माह बाद नासुप्र का मनपा में समाहित हो जाएगा. यानी मेट्रो रेल में मनपा का सीधा १०% खर्च दिया जा चुका होगी. बावजूद इसके मनपा को नहीं लगता कि यह प्रकल्प उनका है. इसलिए मेट्रो रेल प्रबंधन मनपा सीमा में निर्माणकार्य के दौरान मनमानी करते आ रहा है. आवाजाही मार्ग में रोजाना आम नागरिकों के साथ छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं. विगत दिनों भाजपा के एक नेता की बहू के साथ हुई घटना के कारण मामला गरमा गया था, अन्यथा आम नागरिकों के साथ होने पर कोई सुनवाई नहीं हो रही. इस मामले पर महापौर का ध्यानाकर्षण करवाने पर महापौर ने तुरंत जवाब दिया कि मेट्रो रेल कार्यालय पर मोर्चा ले जाओ.
व्यंकटेश नगर के नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में
पेठे ने बताया कि मनपा सीमान्तर्गत व्यंकटेश नगर ने नासुप्र की घरकुल योजना अंतर्गत रहवासी स्कीम तैयार की गई. इस स्कीम परिसर में लगभग २००० नागरिक रहते हैं. यहां निर्मित इमारतों में ‘डबल बेसमेंट’ का निर्माण किया गया था.जिसमें से एक को मिटटी-गिट्टी से बुझा दिया गया है. साथ ही इस बेसमेंट में आसपास व बरसात का पानी बड़े पैमाने में जमा होने से विभिन्न प्रकरण के जीव-जंतु तो पनप ही रहे हैं साथ में तरह-तरह की बीमारियां घर करते जा रही हैं, जो कि उक्त रहवासियों को नियमित भयभीत कर रहा है. इस ओर अनगिनत शिकायतों के बावजूद न प्रशासन और न ही सत्ताधारी सकारात्मक पहल कर रहे हैं, जो कि निंदनीय है.
रोजगार के नाम पर डिम्ट्स कर रही छलावा
पेठे ने मनपा प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे शहर के युवा-बेरोजगारों को नौकरी देने के नाम पर ठग रही है. मनपा परिवहन विभाग अंतर्गत ३०० के करीब बसें फ़िलहाल शहर में दौड़ रही हैं. इन बसों की दो फेरियों में ६०० कन्डक्टरों की जरूरत है. बावजूद बसों में कंडक्टर पूर्ति करने वाली कंपनी डिम्ट्स ने ‘स्टैंडबाय’ में अतिरिक्त १२०० बेरोजगारों को पंजीकृत कर रोजाना डेपो में हजारी लगवाई जाती है. इसमें से ६०० को रोजाना ड्यूटी पर रखा जाता है, शेष को रोजाना घर लौटा दिया जाता हैं. पेठे ने संगीन आरोप जड़ते हुए जानकारी दी कि डिम्ट्स सत्ताधारियों के हितार्थ उनके कार्यकर्ताओं को संभालने का जिम्मा उठाये हुए है, इसके एवज में करदाताओं का पैसा डिम्ट्स को भुगतान किया जाना करदाताओं के साथ अन्याय है. इन ‘स्टैंडबाय’ बेरोजगारों को माह में १० से १५ दिन की ड्यूटी दी जाती है, शेष दिन आवाजाही में ही उनकी कमाई चली जाती है. इनके साथ किए जा रहे व्यव्हार पर एनसीपी ने रोष जताया.