2002 के नरोदा गाम केस में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गवाही देने के लिए अहदाबाद में एसआईटी के विशेष कोर्ट पहुंच गए हैं। मामले की मुख्य आरोपी माया कोडनानी की अपील पर शाह गवाही देने के लिए कोर्ट में मौजूद हैं। बीजेपी की पूर्व मंत्री और गुजरात की पूर्व विधायक माया कोडनानी केस में मुख्य आरोपी मानी गई हैं।
उनका दावा है कि वे दंगे के वक्त अमित शाह के साथ अस्पताल में थीं। कोडनानी ने अपने बचाव में 14 नामों की लिस्ट भी दी थी, जिसमें से 12 गवाह समर्थन में गवाही दे चुके हैं। कोडनानी ने ये भी दावा किया है कि वो विधानसभा के बाद अस्पताल में थी। इससे पहले 2002 के नरोदा गांव नरसंहार मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने बुधवार को पूर्व भाजपा विधायक माया कोडनानी के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया था, जिसमें उन्होंने अमित शाह व 13 अन्य को बतौर बचाव पक्ष का गवाह बुलाने का अनुरोध किया।
जस्टिस पीबी देसाई ने कहा था कि गवाहों को पेश होने के लिए ‘मुकदमे के उचित और प्रासंगिक चरण’ में समन किए जाएंगे। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ‘यदि कुछ गवाहों की गवाही के दोहराए जाने की संभावना होगी तो बाद के चरण में उन्हें नहीं बुलाने का भी विकल्प है, लेकिन (अभियोजन पक्ष द्वारा) कोई आपत्ति नहीं जताए जाने पर और बचाव पक्ष के गवाहों से पूछताछ करने के आरोपी के अधिकारी को पहचानते हुए, मेरा मानना है कि गवाहों की इस संख्या से पूछताछ किया जाना न तो अनुचित है और न ही असंगत।’
नरोदा पाटिया दंगा मामले में कोडनानी को 28 साल कारावास की सजा सुनाई गई है और वह अभी जमानत पर रिहा है। इससे पहले, नरोदा गांव मामले में उन्होंने विशेष अदालत में गुहार लगाई थी कि अमित शाह समेत 14 लोगों से बतौर बचाव पक्ष के गवाह बुलाया जाए। वह यह साबित करना चाहती हैं कि 28 फरवरी, 2002 को हुई घटना के समय वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थी। यह मामला गोधरा ट्रेन मामले के एक दिन बाद का है। इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे थे।