नागपूर: नागपूर का मेडिकल हॉस्पिटल हमेशा ही समस्याओ से घिरा रहता है. कहने को तो यह हॉस्पिटल काफी बड़ा है नागपूर जिले समेत आस पास के राज्यों से भी यहाँ रोजाना हजारों की संख्या में यहां लोग पहुंचते है. लेकिन हॉस्पिटल में सुविधाओ के नाम पर डॉक्टरों और मरीजों के साथ केवल छलावा है. जानकारी के अनुसार पिछले आठ दिनों से हॉस्पिटल में बेसमय पानी आने की वजह से डॉक्टरों के साथ साथ मरीजों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.यहाँ पर हॉस्टल का पानी सुबह 9 बजे और कैंटीन और मेस का पानी 11 बजे दिया जाता है. जबकि मरीजों को खाना देने का समय करीब साढ़े बारह बजे का है. रेजिडेंट डॉक्टर सुबह 7 बजे के करीब ही हॉस्पिटल चले जाते है. जिसके कारण यह पानी उनके उपयोग में भी नहीं आ पाता. पूरे हॉस्पिटल में रोजाना हजारों मरीज और उनके परिजन यहाँ पहुंचते है और सैकड़ो मरीज हॉस्पिटल में भर्ती भी है. जानकारी के अनुसार यहां केवल चार ही वाटर कूलर है. जबकि हॉस्पिटल में हर दूसरे वार्ड में वाटर कूलर की जरुरत है. लेकिन इसकी सुध कौन ले.
मेडीकल हॉस्पिटल में पानी की यह समस्या कोई नई बात नहीं है कई वर्षो से हॉस्पिटल का यही हाल है. लेकिन सुध लेनेवाला कोई नहीं है. डॉक्टरो और मरीजों की समस्याओ की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है. पिने के पानी की यह किल्लत काफी वर्षो से है. न तो इस समस्या की तरफ मेडिकल हॉस्पिटल के डीन का ध्यान है और न ही प्रशासन का. इस समस्या से निजात पाने के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने खुद के खर्च से कैन का पानी मंगवाना शुरू किया था. लेकिन डीन के आदेश के कारण बाहर से पानी की कैन लाना भी बंद कर दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जहां से पानी आता है. वहां की पानी की मोटर में समस्या आ गई थी. जिसके कारण उसे दुरुस्त करने के लिए आठ दिन पहले कारागीर के पास दिया गया है. लेकिन अभी तक वह वापस नहीं आयी है. जिसके कारण यह समस्या बनी हुई है.