नागपुर: नागपुर के जामठा स्थित विदर्भ क्रिकेट एसोशिएशन मैदान के निर्माण में नियमो की अनदेखी के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी ) में दर्ज की गई याचिका पर बुधवार 3 अगस्त को सुनवाई होगी। पर खास बात है की इस सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों की और से पक्ष रखे जाने की संभावना कम है।
मैदान के निर्माण के दौरान नियम की अनदेखी का आरोप लगाते हुए किसान संगठन जय जवान जय किसान के सचिव अरुण वानकर, आरटीआई कार्यकर्त्ता टी.एच. नायडू और अंकिता शाह की तरफ से वकील असीम सरोदे ने 23 मार्च को याचिका दर्ज कराई थी। 26 अप्रैल को एनजीटी ने इस केस के 11 प्रतिवादी वीसीए, जिलाधिकारी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रक मंडल, एनएमसी, एनआईटी, विभागीय आयुक्त, पुलिस आयुक्त, ग्रामीण तहसीलदार, पर्यावरण विभाग के साथ अन्य को नोटिस जारी कर 26 मई तक जवाब मांगा था। पर इस आदेश के बाद एनजीटी की ओर से इस नोटिस को प्रतिवादियों को पोस्ट ही नहीं किया गया।
हालांकि याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी तरफ से सुनवाई के एक दिन पहले इस मामले के 11 प्रतिवादियों को खुद नोटिस की कॉपी पोस्ट द्वारा भेजी गई। इतने कम वक्त में प्रतिवादियों को इस नोटिस के मिलाने पर संशय है। इसलिए सुनवाई की तय तारीख में प्रतिवादियों का जवाब न मिल पाने की वजह से सुनवाई के लिए अगली तारीख तक यह मामला खुद बा खुद बढ़ जायेगा।
याचिकाकर्ताओं ने मार्च 2016 के दौरान आयोजित वर्ल्ड टी 20 मैच से पहले सूचना के अधिकार के तहत हासिल जानकारी के आधार पर एनजीटी में यह मामला दर्ज कराया था। याचिकाकर्ता पक्ष के अनुसार स्टेडियम की बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं है। इसके अलावा मैदान के लिए एमपीसीबी से कॉन्ट्रैक्ट टू स्टेब्लिशमेंट और कॉन्ट्रैक्ट टू ऑपरेट की भी परमिशन नहीं है।