वर्षभर जमा रहता गंदा पानी,अधिकारी-ठेकेदार कंपनी-आंदोलनकारी गहरी नींद में
नागपुर – कोराडी मार्ग जो राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, इस मार्ग पर NHAI द्वारा निर्मित मानकापुर अंडरब्रिज मंजूर नक्शा में न होने के बाद मंत्री के आदेश पर निर्मित किया गया। मंत्री के आदेश का पालन करने के लिए NHAI की नियमों को दरकिनार कर निर्माण किया गया। पहले दिन से ही 1 घंटा बारिश या अंडर ब्रिज में किये गए दर्जनों छिद्र की वजह से गंदा पानी जमा हो जाता हैं और आवाजाही प्रभावित हो जाती हैं।
जमा गंदा पानी 1 फुट से लेकर 4 फुट तक जमा हो जाता हैं। कभी मूसलाधार वर्षा हुई तो तालाब का आकार ले लेता हैं, बीच में तो कंधे तक पानी जमा होते देखे गए। इस अंडर ब्रिज के लिए तब के आंदोलनकारी और मंत्री की चुप्पी समझ से परे हैं।
याद रहे कि अंडर ब्रिज 4 वर्ष पूर्व निर्मित हुआ था। इसका उपयोग पैदल,दो पहिये और घरेलू 4 पहिये वाले किया करते हैं। इन सभी को जमा गंदे पानी से गुजरना ही पड़ता हैं। कभी अंधेरा रहा तो दुर्घटनाएं भी होती ही रहती हैं। इस अंडर ब्रिज का निर्माण मुम्बई की आईटीडी सिमेंटेशन कंपनी ने अरुचि से किया। इसके बदले 9.8 करोड़ का भुगतान NHAI ने किया।
एमओडीआई फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश दयावान और उसके सलाहकार लालसिंह ठाकुर ने बताया कि यह अंडर ब्रिज जनहितार्थ नहीं हैं, बावजूद इसके NHAI के अधिकारी सो रहे हैं,जबकि इसी शहर से संबंधित केंद्रीय मंत्री वास्ता रखते हैं। समय रहते NHAI ने भूल सुधारी नहीं तो जनहित में न्यायालय की शरण में जाना पड़ेंगा,जिससे होने वाली नुकसान के जिम्मेदार वर्तमान NHAI प्रशासन की होंगी।