Published On : Wed, Aug 23rd, 2017

पुलकरी, रोड़करी, पोर्टकरी के बाद अब क्या गड़करी बनेंगे रेलकरी ?

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नागपुर: 
लगातार दो रेल हादसों के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु सार्वजनिक आलोचना के बाद क्या उनसे रेल मंत्रालय वापस लिया जा सकता है ? दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में चर्चा है की हादसे के लिए उन्हें जिम्मेदार मानाने वाली मीडिया रिपोर्टो के बाद प्रभु ने अपने इस्तीफ़े की पेशकश कर दी है। क़यासी ख़बरों की माने तो तो देश के नए रेल मंत्री की ज़िम्मेदारी केंद्रीय भूतल परिवहन और जहाज़ रानी मंत्री नितिन गड़करी को सौंपी जा सकती है।

कई मीडिया संस्थानों ने इस तरह की ख़बर दी है की गड़करी अगले रेल मंत्री हो सकते है। अगर ऐसा होता है तो अब तक कई संज्ञाओं को अपने साथ जोड़ चुके नितिन गड़करी पुलकरी,रोड़करी,पोर्टकरी के बाद रेलकरी भी हो जाएंगे। जबसे गड़करी को रेलमंत्री बनाएं जाने की ख़बर मीडिया में तैरने लगी उसी वक्त से विदर्भ ख़ास तौर से नागपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी है। सोशल मीडिया में तो गड़करी को बधाई तक दी जाने लगी है।

मोदी सरकार में मोस्ट परफोर्मिंग मिनिस्टर माने जाने वाले गड़करी नंबर के आधार पर वर्त्तमान समय में सबसे बेहतर काम करने वाले मंत्रियों में शुमार है। ऐसे में अगर उन्हें रेल मंत्री बनाया भी जा सकता है। प्रभु और गड़करी दोनों की महाराष्ट्र की धरती से है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल के विकास की उम्मीद प्रभु से लगाई जो बीते तीन साल में आशा के अनुरूप सफल नहीं हो पाए। ऐसे में संभावना है की तेज़ और सख्त फ़ैसले लेने में माहिर गड़करी को रेल की कमान सौपी जाएं।

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नागपुर के गलियारें में गड़करी द्वारा सार्वनजिक मंचों से परियोजना में अड़ंगा डालने वाले पूर्व रेलवे बोर्ड अध्यक्ष को रेल भवन से नीचे फेकने वाला बयान चर्चा में रहा। गड़करी ने यह बयान भले ही मज़ाक में दिया हो पर उनका ख़ुद मानना है की रेल अधिकारी विकास कामों में अड़ंगा डालते है। ऐसे में क्या पता अब रेल प्रशासन को सख़्त करने की जिम्मेदारी उन्हें ही मिल जाये।

वैसे संभावना इस लिए भी बढ़ जाती है क्यूँकि बुधवार को ही रेल बोर्ड के अध्यक्ष ए के मित्तल इस्तीफ़े के बाद एयर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी को को नया अध्यक्ष बनाया गया है। प्रभु से रेल मंत्रालय लेकर पर्यावरण मंत्रालय सौपा जा सकता है।

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