नागपुर शहर में विकास के नाम पर जहाँ वहाँ गड्ढे खोदकर केबॉल डालने का कार्य चल रहा है नियमों का उल्लंघन कर MSEDCL का केबल ज़मीन के अंदर से डालने का मामला सामने आया है इस विषय में ज़िलाधिकारी ग्राहक संरक्षण परिषद के सदस्य शाहिद शरीफ़ ने RTI के माध्यम से महानगर पालिका की केबल डालने की नियमावली हासिल की और उसी के आधार पर किस संस्थान को केबल किस नियम से ज़मीन के अंदर डालना है इसका विवरण इस प्रकार है बिजली का केबल 11 KV का निययम अनुसार ज़मीन से 1.2 mt का है
या ने चार फ़ुट और हाल ही में किया जाने वाला कार्य मात्र सवा दो फ़ुट पर ही बिछाया जा रहा है जिस में कांक्रीट करना है रेत डालना है और हफराउंड डालना है लेकिन लक्ष्मी टाकीज से झुंकाभाकर की ओर जाने वाले मार्ग में ये चार फुट की बजाए एक मात्र दो फ़ुट पर केबल बिछाया गया और वो भी बिना कांक्रीट किए केबल को बुझा दिया गया सुरक्षा के मापदंडों से देखा जाए तो ये केबल लाइन नागरिक के लिए असुरक्षित है (कारण यह है कि जब दूसरी कंपनी के केबल डालने के लिए गड्ढे खोदे की उस समय है यह बिजली का केबल डैमेज होगा और आरोप उस कंपनी पर लगेगा की उनकी लापरवाही से हुआ है लेकिन कंपनी जो भी काम करती है
वो नियमानुसार ही करती है और नियमावली अनुसार चार फ़ुट ज़मीन के अंदर बिजली का केबल होता है लेकिन जब केवल ढाई फुट में या दो फुट में हो गया था तो वह कंपनी क्या करेगी ) साथ ही महानगर पालिका की नियमावली का उल्लंघन कर सरकार को करोड़ों रुपया का चूना लगाकर बिजली विभाग से बिल वसूला जाएगा और इसमें भी बिजली विभाग के अधिकारी शामिल है क्यों के इस कार्य को अनियमित रूप से होते हुए देख अधिकारियों ने कोई आपत्ति नहीं जतायी है इसका मतलब ये साफ़ है बड़ा घोटाला बिजली विभाग और महानगर पालिका के अधिकारियों की मिलीभगत से फल फूल रहा है इस मामले की जाँच महानगर पालिका के आयुक्त से होनी चाहिए यह मामला गंभीर है नागरिकों की सुरक्षा और जनता के पैसे का भ्रष्टाचार।
शाहिद शरीफ़