Published On : Thu, Aug 9th, 2018

ठेकेदारों के आंदोलन को प्रशासन-सत्तापक्ष नहीं दे रहा तवज्जों

नागपुर: कल 8 अगस्त को तीसरे दिन भी ठेकेदारों ने महापौर कार्यालय के सामने मूक आंदोलन किया. चुनिंदा ठेकेदारों के इस आंदोलन को लेकर न मनपा प्रशासन और न ही सत्तापक्ष गंभीरता से ले रही हैं. मनपा मुख्यालय में उक्त आंदोलन को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हिचकोले खा रही हैं. जैसे काम के दर्जे,एक ही काम को कोटेशन व टेंडर से कर दोहरा भुगतान उठाने,छोटे-छोटे ठेकेदारों पर भुगतान में देरी से चौतरफा आफत आना आदि आदि.

इसके साथ यह भी चर्चा शुरू है कि आंदोलनकर्ताओं के आरोप एकतरफा है. अपने-अपने तौर-तरीके से दर्जन भर ठेकेदारों का अधिकांश भुगतान किया जा चुका है. मनपा के ठेकेदार एक तरफ खुद की आर्थिक अड़चन दर्शाने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे तो दूसरी ओर मनपा प्रशासन द्वारा नियमित टेंडर जारी किया जा रहा है वहीं लेकिन एक भी टेंडर कोरा नहीं जा रहा. इस दोहरी नीति से प्रशासन और सत्तापक्ष ठेकेदारों के आंदोलन को तरजीह नहीं दे रहा.

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बताया जा रहा है कि ठेकेदारों के संगठन को सत्तापक्ष के दिग्गज पूर्व और वर्तमान पदाधिकारी का समर्थन था. इसके बावजूद मनपा के खिलाफ मानसून अधिवेशन में विपक्षी विधायकों से मुद्दे उठवाए. इससे भी सत्तापक्ष आंदोलन को तरजीह नहीं दे रहा. पदाधिकारी आंदोलन स्थल के सामने से आवाजाही कर रहे हैं लेकिन उन्हें गंभीरता से लेने के बजाय हंसी-मजाक कर अपने-अपने गंतव्य स्थल की ओर निकले देखे गए.

कल मनपा में विपक्ष नेता तानाजी वनवे व पूर्व नगरसेवक मनोज साबले ने ठेकेदारों से आंदोलन स्थल पर भेंट दी. इस अवसर पर अध्यक्ष विजय नायडू ,प्रकाश पोटपोसे ,संजीव चौबे, राजू वंजारी ,नरेंद्र हटवार विनोद मडावी, सुरेश गेडाम, गुरुदयाल राउत,विक्रम लुल्ला,विनय घाटे,अनन्त जगनित, हाज़ी नाज़िम भाई,फिरोज खान,कैलाश सूर्यवंसी,प्रदीप वाघमारे, मुकेश जनबन्धु,अमित कावरे,संजय पीसे, पिंटू घोराड़कर,राजू ताजने,आकिब ज़ैद खान,अनूप भूते, राजा अग्रवाल,नीलेश कोचे,बेलखोड़े,एसएम गेडाम,बीडी काळे, विजय चौहान,राजेश चौरे,सूरज लोम्बादे,आदि उपस्थित थे. जबकि मनपा में ठेकेदारों की संख्या सैकड़ों में हैं और रोजाना ३ से ६ कुछ चुनिंदे ही नज़र आते हैं.

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