नागपुर: चुनाव प्रचार की रैलियों में जुटनेवाली भीड़ प्रत्याशी के दबदबे का प्रतीक मानी जाती है। पैदल रैली हो या स्कूटर रैली सभी में प्रचारकों की भीड़ जुटाना इस बार प्रत्याशियों के लिए लोहे के चने चबाने से कम नहीं है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह 12वीं और 10वीं कक्षा की होनेवाली बोर्ड परीक्षाओं को माना जा रहा है।
दरअसल 21 फरवरी को मनपा चुनाव है और महाराष्ट्र राज्य बोर्ड की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरु हो रही हैं। जिन अभिभावकों के बच्चे या पाल्य कक्षा दसवीं या बारहवीं की परीक्षा दे रहे हैं, वे मनपा चुनाव में अपना वक़्त नहीं दे पा रहे हैं। हालाँकि 15 फरवरी से मौखिक परीक्षाएं शुरु हो रही हैं, लेकिन लिखित परीक्षा की तैयारी अभिभावक महीनों पहले से शुरु कर देते हैं। कक्षा बारहवीं की परीक्षा 28 फरवरी से और कक्षा दसवीं की परीक्षा 7 मार्च से शुरु हो रही है। यही वजह है कि पालक हैअपने पसंदीदा उम्मीदवारों के पक्ष में न तो चुनाव प्रचार कर पा रहे हैं और न ही किसी रैली में सहभागी हो पा रहे हैं। उम्मीदवार भी मन मसोसकर ऐसे अभिभावकों से पहले बच्चे की परीक्षा की तरफ़ ध्यान देने को कह रहे हैं।