नागपुर : नागपुर तय रणनीति के हिसाब से सत्तापक्ष ने महापौर और नागपुर सुधार प्रन्यास का विश्वस्त बदलने की समयावधि निश्चित की थी. अब इसकी समय सीमा फ़िलहाल पार हो चुकी है. समझा जाता है कि वर्तमान महापौर के कर्मकांड और नासुप्र विश्वस्त की निष्क्रियता से जल्द भाजपा नेतृत्व बैठक लेकर आगामी चुनाव के मद्देनज़र शेष कार्यकाल के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है.
महापौर
मनपा में तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के बाद भाजपा नेतृत्व ने तय किया था कि वे इस कार्यकाल में ४ महापौर देंगे. जिनका कार्यकाल सवा वर्ष का होगा. इस हिसाब से वर्तमान महापौर का कार्यकाल पूरा ही नहीं ज्यादा हो चुका है. ऊपर से महापौर द्वारा किए गए कर्मकांड से भाजपा नेतृत्व को गल्ली से लेकर दिल्ली तक मुँह छिपाना पड़ रहा है. नेतृत्व ने इन्हें गुणवत्ता के आधार पर नहीं बल्कि समझौते के आधार पर सम्मान दिया था.
जिसके सकारात्मक परिणाम के बजाय देश-दुनिया में नकारात्मक निष्कर्ष निकला जा रहा है. भाजपा नेतृत्व ने महापौर बदलने का निर्णय लिया तो दिव्या धुरडे और वर्षा ठाकरे को अगला महापौर बनाने के लिए उनके समर्थक सक्रिय हो गए हैं. वैसे वरिष्ठता के तौर पर कई अन्य नाम भी है, लेकिन भाजपा में आका की अहमियत के आधार पर कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जाती है. पद के हक़दार, सक्षम और दावेदारों को निरंतर दरकिनार किया जाना एक प्रथा ही है.
नासुप्र विश्वस्त
भाजपा नेतृत्व के निर्णय अनुसार ढाई-ढाई साल का विश्वस्त पद भाजपा के २ नगरसेवक को दिया जाएगा. सत्तापक्ष कोटे से भाजपा ने पिछले कार्यकाल में भाजपा नगरसेवक को नासुप्र का विश्वस्त बनाया था, जिसे पिछले कार्यकाल में १ वर्ष ही मिला था. उसे वर्तमान कार्यकाल में और डेढ़ वर्ष मिलने के बाद बदलने की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है. नेतृत्व ने वर्तमान को बदला तो सत्तापक्ष के अन्य नगरसेवक को अगले ढाई साल के लिए अवसर मिल सकता है.
सत्तापक्ष नेता
वर्तमान सत्तापक्ष नेता का भाजपा और राज्य सरकार ने कद ऊँचा करते हुए उन्हें लघु उद्योग महामंडल का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. जिससे उनकी व्यस्तता काफी बढ़ गई. मनपा में चर्चा है कि सत्तापक्ष एक संवैधानिक पद होने से इस पद के लिए पूर्णकालीन पदाधिकारी