नागपुर: मनपा में काम करने का अवसर किस्मत वालों को ही नसीब होता है, जहाँ अस्थाई से पूर्ण काम लिया जाता है और स्थाई को पूर्ण छूट के साथ प्रचलन के हिसाब से वेतन दिया जाने की प्रथा है. अपने मनमाफिक जीवन जीने के आदि हो चुके कर्मियों को सेवानिवृति कुछ पल के बाद काटने को दौड़ना शुरू कर देती है, फिर ऐसी सूरत में नए नियम के तहत पुनः मनपा में तैनातगी के लिए प्रत्यक्ष सह अपने राजनैतिक पहुँच का पुरजोर इस्तेमाल किये जा रहे है. देखना यह है कि आगामी मनपा चुनाव पूर्व कितने सेवानिवृति अधिकारियों को मनपा में उनके मनमाफिक विभागों में तहत पुनः ठेकेदारी पद्धत्ति के तहत मनपा प्रशासन नियुक्ति देती है.
ज्ञात हो कि केंद्र-राज्य सरकार में बैठे सफेदपोशों ने सत्ता में आने के पूर्व और पश्चात् बारंबार सार्वजानिक मंच से घोषणा करते रहे है कि गली से लेकर दिल्ली तक युवा बेरोजगारों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मुहैय्या करवाने करना मुख्य उद्देशों में से एक है.तो दूसरी ओर राज्य सरकार का नया अध्यादेश आया कि रिक्त पदों पर सम्बंधित विभाग से सेवानिवृत अधिकारी/कर्मियों को नियुक्त कर उनके अनुभव का लाभ लिया जाये।इससे साफ़ संकेत है कि युवा बेरोजगारों के मनसूबे पर वर्त्तमान सरकार ने भी पानी फेर दिया.
उक्त अध्यादेश का फायदा उठाते हुए मनपा सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार मनपा में आधा दर्जन अधिकारियों ने पुनः नियुक्ति हेतु इच्छा दर्शाई है. मनपा सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार मनपा प्रशासन अपने चहेते शशिकांत हस्तक, प्रकाश उराडे, अज्जिज़र रहमान आदि प्रमुख है, लगभग सभी ने मनपा में सेवा देने के लिए अपनी शर्ते तो राखी ही साथ में अपनी बात मनवाने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाये हुए है.
बताया जाता है कि उक्त आवेदक मनपा में मलाईदार पदों पर तैनात तो थे ही साथ में सम्पूर्ण शहर में इनकी एकतरफा तूती अलग बोलती थी.लेकिन सेवानिवृत होने के बाद सबकुछ बंद हो गया या निजी इकाइयों में अनुभव के आधार पर कुछ नियुक्त हुए तो कुछ को “ऑफर” है. परंतु सभी का संयुक्त एक ही मत है कि वहाँ नियत समय में सिर्फ और सिर्फ काम करना होंगा,जिसका “रिजल्ट” सिर्फ प्रबंधन को होंगा।पहली बार अपनी मेहनत करने की नौबत आई,तो मेहनत का फल कोई और न खाये इसलिए पुनः मनपा में सेवारत की पुरजोर आजमाइश का क्रम जारी है.
उल्लेखनीय यह है कि वर्षों से मनपा में सैकडों पद रिक्त है, वर्ष २०१६-१७ में लगभग हर माह में २ दर्जन से अधिक सेवानिवृत हो रहे है,मंजूर पदों की रिक्तता बढ़ते जा रही है. प्रत्यक्ष नियुक्ति की बंदिश की वजह से वर्षो से रिक्त पदों पर अस्थाई या फिर ठेकेदारी पद्धत्ति पर तैनात कर्मी जिम्मा संभाल रहे है. कई कर्मी/अधिकारियों ने खुद या फिर मनपा प्रशासन ने एक से अधिक पदों का जिम्मा दे रखा है.इनमे से कई इन अतिरिक्त जिम्मा का भरपूर दोहन कर रहे है, ऐसा कब तक जारी रहेंगे, यह तो समय ही बताएगा.
– राजीव रंजन कुशवाहा