– सत्तापक्ष नेता ने लिखित मुलाकात की मांग पर कल सोमवार की सुबह दोपहर 2 बजे 10 मिनट के लिए मिलने का समय दिया था लेकिन सत्तापक्ष के नगरसेवक शहर के बाहर थे इसलिए आज शाम 5.30 बजे मिलेंगे
नागपुर – मनपा के नए आयुक्त के रवैये से क्षुब्ध होकर सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव ने जनहित में नए आयुक्त से मुलाकात के मिलने के लिए समय मांगा तो 2 दिन बाद आयुक्त के निर्देश पर उनके कार्यालय ने सत्तापक्ष नेता को कल सोमवार की सुबह दोपहर 2 बजे 10 मिनट के लिए मिलने का समय दिया था लेकिन सत्तापक्ष के नगरसेवक शहर के बाहर थे इसलिए आज शाम 5.30 बजे मिलेंगे।
सत्तापक्ष भी आयुक्त की तरह पेश आता तो वे अपने महापौर से उनके कक्ष में बुलवा कर मुलाकात कर लिए होते,क्योंकि आयुक्त को निर्देश देने का अधिकार महापौर को हैं लेकिन वे ऐसा न कर मुलाकात के लिए पत्र व्यवहार किये।
आयुक्त मुंढे ने भी सत्तापक्ष नेता के पत्र को गंभीरता से न लेते हुए मात्र 10 मिनट का मुलाकात का मौका दिया। सत्तापक्ष में 112 सदस्य हैं, इनका व्यक्तिगत परिचय देने में भी 10 मिनट कम पड़ता हैं फिर जनहित में चर्चा असंभव हैं। यह भी समझा जा रहा कि 10 मिनट सिर्फ बोलचाल की भाषा हैं, आयुक्त ने सत्तापक्ष को गंभीरता से लिया तो आधा-पौन घंटा लगेंगा।
जब से आयुक्त ने नागपुर मनपा में जिम्मेदारी संभाली,चुन चुन कर निम्न कर्मियों पर कार्रवाई कर एक डर का वातावरण पैदा कर रहे। जबकि मनपा में बड़े अधिकारियों के सहमति/हस्ताक्षर के बगैर को गैर व्यवहार नहीं होता। इन बड़े मगरमच्छ पर हाथ डालने में आयुक्त जरा हिचकिचा रहे।
साथ में मुंढे विवादास्पद कर्मियों को संरक्षण देकर कर्मठ कर्मियों/अधिकारियों को एक ही चक्की में पिस रहे,क्या यह मुंढे कि पारदर्शिता हैं ?