नागपुर: शनिवार को होने जा रही स्थायी समिति के समक्ष प्रशासन द्वारा रखे जा रहे विकास कार्यों के 36 प्रस्तावों में जहां भाजपा के 31 पार्षदों के क्षेत्र में विकास के लिए 17,01,08,474 रु. के टेंडर को मंजूरी दी जानी है, वहीं कांग्रेस के 3 पार्षदों के क्षेत्र में 2,23,55,290 रु. के टेंडर को हरी झंडी मिलने की संभावना जताई जा रही है.
इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस के एकमात्र पार्षद के हिस्से में भी विकास के लिए 46,99,212 रु. की निधि मिलने जा रही है. सूत्रों के अनुसार स्थायी समिति के विचारार्थ रखे जा रहे प्रस्तावों के अनुसार सर्वाधिक निधि के टेंडर भाजपा के अधिकार क्षेत्र के प्रभाग क्रमांक 25 के अंतर्गत विकास कार्यों के 6 प्रस्ताव है. यहां तक कि दूसरे नंबर पर भी भाजपा के ही प्रभाग क्रमांक 21 के विकास कार्यों के लिए आवंटित होंगे. जिसमें 5 प्रस्तावों पर विचार होगा.
खिलौना बनकर रह गई कांग्रेस
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के पार्षदों को विकास निधि नहीं मिलने के कारण गत समय कई पार्षदों की ओर से रोष जताया गया. यहां तक कि विपक्ष नेता तानाजी वनवे की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी भी जताई गई. जिसके बाद उन्होंने पार्षदों को लेकर स्थायी समिति सभापति को पत्र देकर समानांतर निधि आवंटित करने की मांग तो रखी, लेकिन इस मांग का कोई लाभ नहीं हो पाया है. आलम यह रहा कि शनिवार को भी होने जा रही स्थायी समिति की बैठक में भले ही कांग्रेस के हिस्से में 2.23 करोड़ की निधि दिखाई जा रही हो, लेकिन 3 पार्षदों को मिलने जा रही निधि में 2 पार्षद स्थायी समिति के सदस्य है.
इसमें भी सर्वाधिक निधि 1,24,34,112 रु. प्रभाग क्रमांक 8 (ड) को आवंटित होंगे. जिससे कांग्रेस के अधिकांश पार्षदों को अभी भी निधि से वंचित ही रहना होगा. सूत्रों के अनुसार प्रभाग क्रमांक 25 जिसमें सर्वाधिक निधि के टेंडर प्रस्तावित किए गए हैं, उसके 4 पार्षदों में कांग्रेस के एक पार्षद के हिस्से को छोड़ दिया गया. यहां तक कि मनपा में तीसरी बड़ी बहुजन समाज पार्टी के किसी भी पार्षद को निधि नहीं दी गई.
डीपीसी और सीएम फंड के भी कार्य
सूत्रों के अनुसार स्थायी समिति के समक्ष डीपीसी और सीएम फंड के अंतर्गत होने जा रहे विकास कार्यों के प्रस्ताव भी रखे जा रहे हैं. हालांकि डीपीसी के अंतर्गत होने जा रहे विकास कार्यों में मनपा को भी हिस्सेदारी देनी है. इसके बावजूद सभी विकास के प्रस्ताव भाजपा पार्षदों के क्षेत्र के ही रखे गए हैं. यहां तक कि मुख्यमंत्री निधि का प्रस्ताव भी केवल भाजपा पार्षद के प्रभाग का ही शामिल किया गया.