स्थाई समिति सभापति कुकरेजा ने साझा किए अपने अनुभव।
नागपुर: मनपा के स्थाई समिति सभापति विक्की कुकरेजा ने अपने कार्यकाल के अंतिम दौर पर अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मनपा के अधिकारियों को उनकी भूमिका सुधारने की नितान्त आवश्यकता है. क्योंकि ये उनकी रोजी रोटी से जुड़ा मसला है. मनपा अधिकारी काम की महत्ता नहीं समझते और संजीदा नहीं दिखते. मनपा का समय और निधि नुकसान बचाने के लिए कभी प्रयत्नशील नहीं दिखे. इन्हें ट्रेंनिंग के साथ मोटिवेशन की सख्त जरूरत है.
कुकरेजा के अनुसार ओसीडब्लू की वजह से जलप्रदाय विभाग बचा हुआ है. जलप्रदाय विभाग और स्थावर विभाग को कमर्शियल दृष्टि से चलाने के लिए राज्य सरकार के राजस्व विभाग के किसी दिग्गज व अनुभवी अधिकारी को नियुक्ति करने जरूरत पर उन्होंने बल दिया, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से भी चर्चा की है.
इन्होंने आगे कहा कि उनके द्वारा प्रस्तुत बजट पूर्णता के कगार पर है. आयुक्त के संशोधित बजट में जो कटौती दिखाई गई है. दरअसल उन्होंने डीपीडीसी के 400 करोड़ के कामों को संशोधित बजट में समाहित नहीं किया. अगले 15 दिनों में विशेष अनुदान के बकाया 175 करोड़ मिलने की जानकारी दी. इसके पूर्व 150 करोड़ मिल चुके हैं. इसके अलावा इस कार्यकाल में कुल जीएसटी 785 करोड़ और स्टैम्प ड्यूटी से करोड़ो की आय प्राप्त हुई.
इन्होंने यह भी बताया कि इस कार्यकाल में 32 बैठकें ली गईं जिसमें 866 विषयों को मंजूरी प्रदान की। आज अंतिम बार 2 बैठकें ली,जिसमें 70 विषयों को मंजूरी प्रदान की गई. वर्तमान कार्यकाल में जीएसटी बढ़वाई,ऑरेंज सिटी स्ट्रीट प्रकल्प की शुरुआत,केलिबाग मार्ग के निर्माण की शुरुआत, वेस्ट टू एनर्जी व बायो माइनिंग प्रकल्प शुरू हुई. आज के बैठक में संपत्ति कर विभाग को 31 मार्च तक 125 करोड़,जलप्रदाय विभाग को 56 करोड़ वसूली करने का टारगेट दिया गया है.