Published On : Tue, Nov 7th, 2017

मनपा सत्ताधारियों ने हज यात्रियों को नकारा, खेल आयोजकों को सराहा

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नागपुर: मनपा की आपली बस वैसे ही घाटा सहकर सड़कों पर दौड़ रही है। ऐसे में किसी को भी अल्प दर या निशुल्क बस सेवा न देने का निर्णय मनपा प्रशासन व परिवहन विभाग ने लिया था. इस निर्णय का सतत पालन भी हो रहा था. विगत माह तंज़ीम समिति ने निशुल्क या अल्प दर में पांच बसों की मांग की थी, लेकिन प्रशासन व समिति ने सीधे मना कर दिया. इसके बाद सत्ताधारी दल के आदेश पर बैडमिंटन प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों की आवाजाही के लिए ९ दिन के लिए ५ ग्रीन एसी और ५ रेड बस निशुल्क रूप से देकर दोगली नीति होने का परिचय दिया. जिसकी शहर के अल्पसंख्यक समाज में भर्त्सना की जा रही हैं.

ज्ञात हो कि प्रत्येक वर्ष नागपुर से अगस्त-सितम्बर माह में लगभग २५० हज़ यात्री विमान द्वारा हज़ यात्रा के लिए प्रस्थान करते हैं. इस वर्ष सेंट्रल तंज़ीम कमिटी के अध्यक्ष ने मनपा प्रशासन, महापौर, सत्तापक्ष नेता से ५ ग्रीन बसें निशुल्क उपलब्ध कराने की मांग की थी. यह मांग मात्रा ३ दिन के लिए थी. यह बस मध्य नागपुर स्थित हज़ हाऊस से यात्रियों और उन्हें छोड़ने वाले परिजनों को लेकर विमानतल और विमानतल से परिजनों को लेकर हज़ हाऊस तक छोड़ने का आवेदन किया. सभी ने चक्कर लगवाया, अंत में परिवहन समिति सभापति बंटी कुकड़े से कमेटी के सचिव मोहम्मद कलाम ने मिलकर मांग दोहराई. कुकड़े ने भी तत्काल हामी भरी, मनपा सत्तापक्ष के पदाधिकारियों की प्रमुख उपस्थिति में बस रवानगी के दौरान सभी हज यात्रियों को गुलाब के फूल और बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने की इच्छा दर्शाई। लेकिन मनपा प्रशासन और परिवहन समिति ने कुकड़े के सपनों पर पानी फेरने के साथ ही साथ तंज़ीम कमिटी की मांग को भी सिरे से ठुकरा दिया और संदेशा भिजवा दिया कि नियमानुसार पूर्ण शुल्क अदा करेंगे तो ही बसें दी जाएंगी। इसके बाद कई तर्क-वितर्क दिए गए कि परिवहन विभाग काफी दयनीय अवस्था में है.

तंज़ीम कमिटी के अध्यक्ष की मंशा थी कि वे भाजपा से जुड़े हैं और मनपा में भाजपा की सत्ता है. सभी सत्ताधारी पक्ष सत्ता में रहते हुए सभी कुनबे-कौम को मदद, न्याय व सहयोग देकर अपनी ओर आकर्षित करती रही है. इसी क्रम में मनपा की आपली बस के बेड़े में शामिल ५ ग्रीन बसें मात्र ३ दिन के लिए हज़ यात्रियों के लिए मनपा अपनी ओर से सुविधा दे देती तो अल्पसंख्यक समाज में भाजपा के प्रति और झुकाव में इजाफा हो जाता।मनपा सत्ताधारियों के नित से समाज में नाराजगी बढ़ गई. इन यात्रियों में से अधिकांश नागपुर के निवासी हैं. हज़ हाऊस से विमानतल ३ दिनों में अधिकतम ५० फेरी का ही खर्च मनपा को वहन करना पड़ता.

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दूसरी ओर यही मनपा प्रशासन और नियम-कानून-कायदा का राग अलापने वाली परिवहन समिति ने सत्तापक्ष के दबाव में मानकापुर इंडोर स्टेडियम में २ से ९ नवंबर तक आयोजित राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता के खिलाड़ियों के लिए निशुल्क ५ ग्रीन और ५ रेड बस उपलब्ध करवाई। इसके लिए तय रणनीत के अनुसार १० अक्टूबर को मनपा प्रशासन को आयोजकों का निवेदन मिला और आनन-फानन में उस निवेदन की शर्तों के अनुसार मनपा ‘मोबिलिटी पार्टनर’ बन १० बसें उपलब्ध करवा दी. प्रतियोगिता में अधिकांश खिलाडी बाहरी हैं. आयोजक मंडल धनाढ्य हैं, लगभग प्रत्येक खर्च खुद वहन कर रहे हैं, बावजूद इसके घाटे में चल रही मनपा से १० बसें ली गई.

शहर में वैसे भी ५ ग्रीन बसें अधिकांश बेवजह दौड़ रही थी. इन दिनों वह भी बंद हो गई. मनपा प्रशासन प्रत्येक ग्रीन बस को ८५ रुपए प्रति किलोमीटर और आयोजकों को दी गई प्रति रेड बस प्रति किलोमीटर ४९ रुपए बस ऑपरेटरों को भुगतान करती हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि भाजपा हमेशा ही अल्पसंख्यक समाज को लुभाने का कोई कसर नहीं छोड़ती है, ताकि चुनावी मौको में उनके मतों का बड़ा हिस्सा उन्हें प्राप्त हो सके और जब इस समाज को मदद करने या कुछ देने का अवसर आता है तो वे अपनी कट्टरता पर आ जाते हैं. भाजपा की इस नीति से अल्पसंख्यक समाज काफी नाराज है. इस सन्दर्भ में समाज के जागरुक युवाओं ने भाजपाई अल्पसंख्यक नेताओं से मुलाकात कर अपनी नाराजगी व्यक्त की. लेकिन उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगना पार्टी में उनकी उपस्थिति को बयान कर रहा है.

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