नागपुर: मनपा कर्मचारी-शिक्षक संघ ने पिछले दिनों शिक्षकों के विभिन्न ज्वलंत व प्रलंबित मांगों को लेकर ३ दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया, जिसे शत-प्रतिशत सफलता तो मिली लेकिन प्रशासन ने ‘उल्टे घड़े’ की भांति आंदोलन को नज़रअंदाज किया. इससे नाराज होकर संघ ने निर्णय लिया कि जल्द ही ‘काम बंद आंदोलन’ छेड़ा जाएगा. फिर २६ सितंबर को सैकड़ों कर्मियों द्वारा ‘ सामूहिक मुंडन आंदोलन’ और बाद में सभी कर्मियों-शिक्षकों का सहमति पत्र प्राप्त करने के बाद ‘अनिश्चितकालीन आंदोलन’ किया जाएगा. आंदोलन के नेतृत्वकर्ता राजेश गवरे ने नागपुर टुडे से कहा कि प्रशासन को जगाने के लिए आंदोलन का क्रम जारी रहेगा और तीव्रता बढ़ती रहेगी.
आन्दोलनकर्ता संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार ४ से ६ सितंबर के दौरान शिक्षकों की १२ प्रलंबित मांगों को लेकर संविधान चौक पर धरना-प्रदर्शन किया गया. ४ सितंबर को ४३ कर्मचारी शिक्षक,५ सितम्बर को ४५ कर्मचारी शिक्षक और ६ सितम्बर को ५३ कर्मचारी शिक्षक के अलावा सेवानिवृत्त कर्मी,एवजदार कर्मी ने आंदोलन में भाग लिया.
आंदोलन को महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद् के नागो गाणार, जनशक्ति मजदूर सभा सहित विपक्ष नेता तानाजी वनवे,नगरसेवक प्रफ्फुल गुरधे पाटिल,पूर्व उपमहापौर किशोर कुमेरिया,गिरीश पांडव,परमेश्वर राऊत,शेषराव गोतमारे ने समर्थन दिया.
आंदोलनकारियों को राजेश गवरे, सुरेंद्र टिंगने, जम्मू आनंद, किशोर आकोजवार, रंजन नलोडे, देवराव मांडवकर, रमेश गवई, सुदाम महाजन, कैलाश चरडे, अरुण पाटिल, ईश्वर मेश्राम ने सम्बोधित किया.
आंदोलन के सफलतार्थ मिलिंद चकोले,संजय मोहले,प्रवीण तंत्रपाले,विश्वास सेलसुकर,अभय अप्पानवर,गौतम गेडाम,मधुकर भोयर,विनायक कुथे,दीपक सातपुते,रामराव बावणे,राजपाल खोब्रागडे,हेमराज शिंदेकर,योगेश नागे,मनोहर महाकालकर,पुरुषोत्तम कैकाड़े,प्रकाश देऊरकर,राजेश हाथिबेड़,राजकुमार कनाठे,विजय घोड़मारे,अनिल बारस्कर,धनराज मेंढेकर,दत्तात्रय डहाके,भीमराव मेश्राम,राजकुमार वंजारी,दिलीप देवगड़े,दिलीप चौधरी,मंजुश्री कान्हेरे,कल्पना महल्ले,मलविंदर कौर लाम्बा,गीता विष्णु,शीतल जांभुळ्कर,मधु पराड,मालती जांभुळ्कर,रमा यादव आदि सक्रिय थे.