Published On : Tue, May 22nd, 2018

सस्ता होगा हवाई सफर, बुकिंग के 24 घंटे के अंदर फ्लाइट टिकट कैंसिल कराने पर पर चार्ज नहीं!

Advertisement

Flight 1

नई दिल्ली: फ्लाइट टिकट कैंसिल कराने में एयरलाइंस के मनमर्जी रिफंड की समस्या से लेकर अचानक फ्लाइट कैंसिल होने में अगली उड़ान की टिकट देने तक यात्रियों को कई दिक्कतों से जल्द ही मुक्ति मिल सकती है. सभी एयरलाइंस की भी जवाबदेही तय होगी, जिससे वो यात्रियों पर अपने फायदे के मनमर्जी के नियम ना लाद सकें. विमानन मंत्रालय ने पैसेंजर चार्टर का नया ड्राफ्ट जारी किया है. इसमें इस बात के नियम भी बनेंगे कि कितनी देर पहले टिकट कैंसल कराने में कितनी रकम वापस मिलेगी, या किस उड़ान में जगह मिलेगी. हवाई पैसेंजर चार्टर का ड्रॉफ्ट लोगों के विचार जानने के लिए सामने रखा है.

इसमें लोगों से चार्टर के लिए कई बातों पर सलाह मांगी गई है. सभी पक्षों से चर्चा बाद कैबिनेट की मंजूरी के बाद एयर पैसेंजर चार्टर लागू कर दिया जाएगा. अगर यात्री को फ्लाइट रद्द होने की जानकारी उड़ान के दिन से दो हफ्ते से कम या 24 घंटे के भीतर दी जाती है. तो एयरलाइंस की तरफ से उस फ्लाइट के तय समय से दो घंटे के भीतर किसी अन्य फ्लाइट में टिकट मुहैया कराई जाएगी. या फिर यात्री को टिकट के पैसे वापस मिलेंगे. अगर एयरलाइंस कंपनी की तरफ से फ्लाइट देरी होने के बारे में 24 घंटे पहले यात्री को सूचित किया जाता है. और फ्लाइट 4 घंटों से अधिक देर हो जाती है तो एयरलाइंस की तरफ से टिकट के पूरे पैसे वापस करने का विकल्प देना होगा.

Gold Rate
Thursday 13 March 2025
Gold 24 KT 87,100 /-
Gold 22 KT 81,000 /-
Silver / Kg 99,100 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

कनेक्टिंग फ्लाइट मिस होने पर भी कंपनियों को हर्जाना देगा होगा. अगर तीन-चार घंटे देरी की वजह से कनेक्टिंग फ्लाइट मिस हो जाए तो उस स्थिति में 5000 रुपये, जबकि 4 से 12 घंटे लेट होने पर 10 हजार रुपये और 12 घंटे से अधिक लेट होने की वजह से मिस होने पर 20 हजार रुपये का हर्जाना एयरलाइंस कंपनी की तरफ से यात्रियों को देना होगा.

अगर फ्लाइट बुकिंग के 24 घंटे के भीतर यात्री टिकट कैंसल कर देते हैं तो उन्हें इसके लिए कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं देना होगा. इसके अलावा यात्रा समय से 96 घंटे पहले तक टिकट कैंसल करने पर भी कोई चार्ज नहीं देना होगा.

प्लेन के उड़ान भरने और फ्लाइट मोड पर निजी मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को रखने पर कंपनी की तरफ से इंटरनेट सुविधा मुहैया कराई जाए. 3000 मीटर की ऊंचाई पर मोबाइल इस्तेमाल करने की सुविधा दी जाए. बैगेज डैमेज होने, देरी से मिलने और खो जाने की स्थिति में एयरलाइन कंपनी को हर्ज़ाना देना पड़ेगा.

Advertisement
Advertisement