आजकल ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर सेल की धूम है. आपकी पसंद के बहुत सारे प्रोडक्ट कम दाम में सेल में बिक रहे होते हैं. लेकिन अक्सर आप अपने अकाउंट में पैसा न होने की वजह से मन मसोसकर रह जाते हैं. लेकिन आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि आपके खाते में अगर पर्याप्त पैसे नहीं तो भी आप अपने डेबिट कार्ड से शॉपिंग कर सकते हैं. जी हां, ज्यादातर ई-कॉमर्स साइट कई उत्पादों पर डेबिट कार्ड EMI की सुविधा देते हैं. यानी आप अपने डेबिट कार्ड से शॉपिंग कर सकते हैं और प्रोडक्ट का दाम आसान मासिक किस्त में चुका सकते हैं.
यह एक तरह का लोन होता है. यानी आप डेबिट कार्ड से जो भी शॉपिंग करते है, वह बैंक अपनी तरफ से भुगतान कर देता है और उसे बाद में ब्याज जोड़कर आपसे मासिक किश्त के रूप में लेता है. एचडीएफसी बैंक 5 हजार से लेकर 5 लाख तक की राशि का तत्काल लोन आपको इस सुविधा के तहत देता है. भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक जैसे बैंक यह सुविधा दे रहे हैं. यही नहीं एसबीआई तो चुने हुए ग्राहकों को ऑफलाइन यानी स्टोर्स से शॉपिंग करने पर भी ईएमआई की सुविधा देता है.
ज्यादातर ई-कॉमर्स साइट बैंकों के साथ टाइअप कर डेबिट कार्ड से शॉपिंग पर ईएमआई की सुविधा देते हैं. यानी आप ई-कॉमर्स साइट के द्वारा अपने डेबिट कार्ड से खरीदारी कर उसे ईएमआई में कन्वर्ट करा सकते हैं. इसमें आपका पैसा तुरंत अकाउंट से नहीं कटता, बल्कि हर महीने ईएमआई के रूप में आपके खाते से पैसा कट जाता है. किसी कार्ड से ईएमआई सुविधा के तहत अधिकतम कितने की शॉपिंग हो सकती है, यह ग्राहक की प्री-अप्रूव्ड लिमिट पर आधारित होता है, या बैंक इसके लिए सीमा तय करता है
चेक करें एलिजिबिलिटी: आप शॉपिंग करते समय भी चेक कर सकते हैं कि आपका कार्ड इसके लिए एलिजिबल है या नहीं. आप अपने कार्ड नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के द्वारा यह चेक कर सकते हैं कि किसी शॉपिंग पर आपको ईएमआई की सुविधा मिलेगी या नहीं. इसके अलावा आपका डेबिट कार्ड इस सुविधा का हकदार है या नहीं इसकी जानकारी आप बैंक के कस्टमर सर्विस से बात कर या बैंक द्वारा निर्धारित तरीके से एसएमएस कर जान सकते हैं
क्या है खासियत: इस सुविधा की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि जरूरी नहीं कि आपके खाते में पर्याप्त पैसे हों. इस सुविधा के लिए बैंक कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं लेते. इस पर ब्याज जरूर लिया जाता है. यह ब्याज आमतौर पर 13 से 16 फीसदी सालाना होता है. लेकिन कई प्रोडक्ट पर नो कॉस्ट ईएमआई सुविधा भी होती है यानी आपको किसी तरह का ब्याज नहीं देना होता. इस तरह की सुविधा के लिए आपको न तो किसी तरह के डॉक्यूमेंट देने की जरूरत होती है, न ही किसी तरह के फॉर्म भरने की और न ही कोई अपफ्रंट राशि जमा करने की.
क्या है नो कॉस्ट ईएमआई: यदि आप नो कॉस्ट ईएमआई की सुविधा का फायदा उठा रहे हैं तो आपसे ब्याज भी नहीं लिया जाता. असल में इस सुविधा में बैंक ब्याज तो लेता है वह विक्रेता वहन करता है और आपसे कोई ब्याज नहीं लिया जाता. तो अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो इस बात पर गौर करें कि नो कॉस्ट सुविध का फायदा प्रोडक्ट पर है या नहीं. आप जब किसी ई-कॉमर्स साइट पर शॉपिंग करते हैं तो उसके पेमेंट डिटेल में जाकर यह देख सकते हैं कि कौन-कौन से विकल्प दिए जा रहे हैं.
किन बातों का रखें ध्यान: शॉपिंग करने के बाद आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि एक निर्धारित डेट पर आपके खाते से ईएमआई अपने आप कट जाता है, तो आपको इसका ध्यान रखना होगा उस डेट पर आपके बैंक खाते में पर्याप्त रकम हो, नहीं तो आपके अकाउंट को डिफाल्ट माना जा सकता है
इस बात का ध्यान रहे कि आप समय पर ईएमआई का भुगतान करते रहें. ऐसा न होने पर आपको पेनाल्टी देना पड़ सकता है. जैसे एचडीएफसी ईएमआई मिस होने पर 550 रुपये प्लस 18 फीसदी जीएसटी का पेनाल्टी लगाता है. एसबीआई 500 रुपये प्लस जीएसटी का पेनाल्टी लगाता है. डेबिट कार्ड से ईएमआई सुविधा में आमतौर पर क्रेडिट कार्ड के मुकाबले 1-2 फीसदी ज्यादा ब्याज होता है