Published On : Wed, Feb 19th, 2020

रविभवन में कोई सुरक्षित नहीं,सुरक्षा रक्षकों का हो रहा शोषण

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– ८ पॉइंट को संभाल रहे मात्र ३ निजी सुरक्षा रक्षक

नागपुर : सिविल लाइंस स्थित रविभवन परिसर में राज्य और केंद्र के मंत्रियों सह अतिविशिष्ट अधिकारी व नागरिकों के ठहरने की सरकारी दर में उत्तम व्यवस्था हैं.लेकिन इसकी सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर हैं कि सम्पूर्ण परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी मात्र ३ निजी व शोषित कर्मियों पर सौंप रखी गई हैं.

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रविभवन परिसर में ३ दर्जन के आसपास कॉटेज और ४-५ दर्जन कमरें हैं.इनके रखरखाव और इनमें रहने वालों के भोजन-जलपान की व्यवस्था का सालों पहले निजीकरण कर दिया गया.उसी तरह परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का भी निजीकरण किया जा चूका हैं.ताकि सरकारी कर्मियों पर होने वाले खर्चों में बचत हो सकें।

परिसर में सुरक्षा रक्षक के तैनातगी के लिए प्रत्येक पारी में ८-८ सुरक्षा रक्षकों के लिए जगह चिन्हित किये गए.जिसके लिए २ माह पूर्व निविदा जारी की गई.निविदा शर्तों के हिसाब से प्रत्येक पारी में ८ सुरक्षा रक्षक अर्थात कुल २४ सुरक्षा रक्षक तैनात किया जाना था.शर्तो के हिसाब से १५ हज़ार प्रति कर्मी को मासिक दिया जाना तय हुआ.

रविभवन के पालक राज्य लोककर्म विभाग हैं,जिसका सहायक अभियंता का कक्ष इसी परिसर में हैं.इस परिसर में स्थाई रूप से ऊर्जा मंत्री व पालकमंत्री नितिन राऊत और राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख का १-१ बंगलों में कार्यालय हैं.पिछले १५ दिन से नए मनपायुक्त तुकाराम मुंढे कॉटेज क्रमांक १० में रुके हुए हैं,वे तब तक यहीं रुकेंगे,जब तक मनपा आयुक्त का बंगला खाली होने के बाद उसकी नए आयुक्त के हिसाब से लीपापोती नहीं हो जाती।
सुरक्षा रक्षक तैनातगी का निविदा हासिल करने वाले एजेंसी ‘एसएसएफ’ कागजों पर प्रत्येक पारी में ८-८ सुरक्षा रक्षक तैनात कर रही,असल में प्रत्येक पारी में ३-३ सुरक्षा रक्षक के जिम्मे सम्पूर्ण परिसर छोड़ दिया गया हैं.इन ३ सुरक्षा रक्षक के भरोसे खुद को सुरक्षित महसूस करना प्रश्नचिन्ह हैं.क्या लोककर्म विभाग किसी हादसे का इंतजार कर रही ?

इन सुरक्षा रक्षकों को १५ हज़ार मासिक पर हस्ताक्षर करवाया जाता और प्रत्येक माह ६००० रूपए थमाया जाता,वह भी जिस सुरक्षा रक्षक ने ३०-३१ दिन काम किया उसे ६००० मिलता हैं.जिसने अवकाश लिया,उनकी प्रत्येक दिन के १९३ रूपए के हिसाब से काट ली जाती हैं.

इन शोषित-पीड़ित सुरक्षा रक्षकों ने ठेकेदार के समक्ष वेतन वृद्धि,माह में साप्ताहिक अवकाश और सुरक्षा-रक्षक वेश-भूषा के नाम पर की जा रही कटौती को माफ़ करने जैसे मांग की तो ठेकेदार ने नई शर्तें लाध दी.उक्त शोषण से लोककर्म विभाग के सभी संबंधितों को जानकारी होने के बाद भी सभी ने चुप्पी साध रखी हैं.

रविभवन में तैनात सुरक्षा रक्षकों ने इस परिसर में रहने-रुकने वाले विशिष्ट नागरिकों से न्याय दिलवाने की मांग की.

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