नागपुर : शहर के पश्चिम नागपुर के प्रभाग क्रमांक ११ अंतर्गत झींगाबाई टाकली परिसर में वर्ष १९९५ में म्हाडा ने एक रहवासी कॉलोनी विकसित की.तब से आज समाचार लिखे जाने तक इस कॉलोनी तक जाने के लिए मुख्य मार्ग का निर्माण नहीं किया गया.पिछले २३ साल से संघर्षरत रहवासियों ने इस लोकसभा चुनाव में परिसर में प्रचार प्रसार करने वालों खदेड़ रहे,आसपास में होने वाली सभाओं में विरोध प्रदर्शन कर रहे,इतना ही नहीं इस चुनाव में मतदान का विरोध भी दर्ज करवाएंगे।
उक्त कॉलोनी का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रभाकर चरपे के अनुसार म्हाडा कॉलोनी के समीप से २-२ डीपी रोड का निर्माण शहर डेवलपमेंट प्लान में अंकित हैं.इसी रोड किनारे वर्ष १९९५ में म्हाडा ने एक रहवासी कॉलोनी का निर्माण किया।इस छोटी से कॉलोनी में ३८ मकान हैं,इस परिसर में ३८ परिवार के लगभग १५० नागरिक रहते हैं.
इस कॉलोनी का कॉलोनी तक पहुँचने के लिए (अप्रोच रोड) नासुप्र की मंजूर नक्शा के अनुसार १२ मीटर चौड़ी डीपी रोड बनाने का प्रस्ताव शहर विकासक योजना में दर्शाया गया हैं.एक नहीं बल्कि २-२ डीपी रोड का शहर विकासक योजना में दर्शाये जाने के बाद एक भी डीपी सड़क का निर्माण नहीं किया गया.
चरपे के अनुसार वर्ष २००० में शहर विकासक योजना में सुधार करते वक़्त बिना किसी सुनवाई के २ में से १ डीपी रोड का आरक्षण हटा लिया गया.इससे म्हाडा कॉलोनी तक आवाजाही के लिए कोई अधिकृत मार्ग नहीं रह गया.वर्ष २००१ में नागपुर के अतिरिक्त जिलाधिकारी ने म्हाडा कॉलोनी के रहवासियों के लिए आवाजाही हेतु एक मार्ग तय किया था,जिस पर एक धार्मिक अतिक्रमणकारियों ने वर्ष २०१६ में अतिक्रमण कर आवाजाही बंद कर दी.
उक्त समस्या को लेकर स्थानीय त्रस्त रहवासियों ने पश्चिम नागपुर के विधायक सुधाकर देशमुख,पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से मिले,उन्होंने नासुप्र सभापति शीतल उगले को मार्ग से अतिक्रमण हटाने का निर्देश भी दिए लेकिन सभापति ने उक्त निर्देशों को नज़रअंदाज कर अतिक्रमणकारियों को शह दे रही हैं,उक्त आरोप त्रस्त नागरिकों ने लगाए।
इसी म्हाडा कॉलोनी के रहवासी मिहिर पानतावणे ने बताया कि मानकापुर पुलिस स्टेशन में उक्त डीपी रोड चोरी होने का मामला दर्ज करवाया गया.नागरिको ने पिछले २ माह में २५ दिन सांकेतिक अनशन,मूक प्रदर्शन किया।नगरसेवकों,विधायक,सम्बंधित विभागों के अधिकारियों का घेराव किया गया लेकिन ‘उल्टे घड़े की भांति उन पर कोई असर नहीं देखा गया’.
त्रस्त नागरिकों ने मुख्यमंत्री पर भी आरोप लगाया कि वे भी कभी पश्चिम नागपुर से एक दशक तक विधायक रहे,आज मुख्यमंत्री होने के बावजूद गृह क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं को नज़रअंदाज कर रहे,जबकि वे खुद नगर विकास विभाग के मंत्री भी हैं.इन्होने यह भी संगीन आरोप लगाया गया कि उक्त नज़रअंदाजगी किसी बिल्डर को मदद करने के फेर में की जा राशि हैं.