नागपुर– नागपुर शहर में बिजली बिल को लेकर हाहाकार मच गया है. बढे हुए बिल को लेकर जनता काफी परेशान हो गई है. इसको लेकर जनता में काफी रोष है. रोजाना नागरिक एमएसईडीसीएल के ऑफिस में बिजली बिल की शिकायत लेकर पहुँच रहे. लेकिन उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है,. लॉकडाउन में जब कईयों के जॉब चले गए है, काम बंद हो गए है. ऐसे में शहर के नागरिकों को इस तरह से हजारों रुपए के बिजली बिल बिल भेजना कहां तक सही है. मानेवाड़ा के रहनेवाले मांगेलाल हारोडे को 7 हजार रुपए का बिजली का बिल दिया गया है. जबकि इन्होने लॉकडाउन के दौरान भी नियमित रूप से बिजली का बिल भरा है. फिर से 7 हजार रुपए का बिजली का बिल भेजे जाने के कारण वे काफी परेशान है.
ऐसे एक दो नहीं शहर के लाखों लोगों को ऐसे ही बिल दिए गए है. ऐसे ही नरेंद्र नगर में रहनेवाले अतुल सोनटक्के को जून महीने में साढ़े पांच हजार रुपए का बिजली का बिल भेजा गया है. जबकि इनको हर महीने 600 रुपए से लेकर 700 रुपए से ज्यादा बिल नहीं आता था. इनकी घर की आर्थिक हालत खराब है. जिसके कारण अतुल ने बताया की अब इनको बिल भरने के लिए भी दुसरो से कर्ज लेना होगा .
इस पुरे मामले में प्रधान समन्वयक पुलिस नागरिक समन्वय समिति भारत तथा केंद्रीय अध्यक्ष केंद्रीय ग्रामसभा के प्रवीण राऊत जो की काफी सालों से बिजली बिल को लेकर लड़ाई लड़ रहे है, उनका कहना है की इस तरह से बिल भेजना गलत है. नागरिकों पर पहले से ही कोरोना की मार है. उनका कहना है की सरकार ने सबसे पहले लोगों के घरों में लगे हुए नए मीटर बदलने चाहिए. लॉकडाउन के दौरान जून महीने में जो बिल दिया गया है, उसके हर महीने के हिसाब से 200 यूनिट का बिजली बिल माफ़ किया जाना चाहिए .