– मध्य रेलवे प्रशासन के निर्देश से सकते में दुकानदार
नागपुर– आजादी के बाद मध्य रेलवे ने 60-65 साल पूर्व अजनी में लाइसेंसिंग पर प्लॉट आवंटित किए थे उसी से आज दुकानदारों की तीसरी पीढ़ी अपने परिवार का गुजारा कर रही है। दुकानों के बाजू में 12000 एचपी का न्यू लोको शेड का काम शुरू है जिसका जिम्मा दिल्ली के मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट कंपनी के पास है। मध्य रेलवे के जीएम ने अपने निरीक्षण में काम में हो रही लेटलतीफी के लिए कंपनी के एमडी को फटकार लगाई, एमडी ने देरी का ठीकरा सीधा दुकानदारों पर फोड़ दिया की गेट के पास कि आठ दुकानों की वजह से कंपनी के वाहनों को आवागमन में बाधा हो रही है जबकि 3 साल से कंपनी के भारी वाहन यहां से आना-जाना कर रहे हैं।
इसके बाद आनन-फानन में डी ई एन एच क्यू ने 25 मई 2022 को दुकानदारों को 1 महीने के अंदर दुकानें खाली करने का नोटिस थमा दिया नोटिस का विस्तार से जवाब देने के बावजूद 14 जून को दूसरा नोटिस एक हफ्ते में दुकान खाली करने के लिए दिया।
अब सवाल यह है कि नागपुर में लगातार बारिश हो रही है जिससे जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है. जिलाधिकारी ने भी अपने संदेश में लोगों से बाहर न निकलने की अपील की है। मनपा और राज्य सरकार भी बारिश के दिनों में अनधिकृत अतिक्रमण नहीं हटाते रेलवे भारी बारिश में दुकानदारों पर कैसे जुड़ कर सकती है जबकि यह लीज धारक दुकानदार है।
स्टीम लोको बंद होने के बाद चतुर्थ श्रेणी के 400 कोटा रेलवे ने तोड़ दिए जो दुकानदारों को जीविका के साधन थे. 2 साल से कोरोना काल में बंद की वजह से दुकान भारत रास्ता है, फिर भी यह दुकानदार रेलवे का नियमित किराया बन रहे हैं ऊपर से रेलवे हर साल 7% किराया बढ़ा रही है।
रेलवे की तानाशाही को रोकने के लिए रजनी के पूर्व पार्षद तनवीर अहमद ने अग्नि के सीनियर सेक्शन इंजीनियर को ज्ञापन देकर दुकानदारों को न्याय दिलवाने में सहयोग करने की मांग की है अन्यथा तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।