– सीमेंट सड़क के सलाहकार को दिए करोड़ों जो गया पानी में
नागपुर -सोमवार को हुई भारी बारिश के कारण मनपा की सड़कों के लिए अख्तियार की गई योजना एक बार फिर विफल हो गई है. एक नामी सलाहकार कंपनी को सीमेंट रोड की ‘डीपीआर’ के लिए करोड़ों रुपये दिए गए। इस डीपीआर में चौराहों को शामिल नहीं किए जाने से शहर के चौराहे पानी से लबरेज हो गए.इस ज्वलंत समस्या के लिए पुनः मनपा प्रशासन करोड़ों रुपये खर्च करने की तैयारी कर रहा हैं ?
नागपुर में सोमवार को हुई भारी बारिश से डामर की सड़कें फिर बह गईं। इसलिए मनपा को फिर से डामरीकरण के लिए करीब 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था करनी होगी। दिलचस्प बात यह है कि एक महीने पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बारिश के पानी को बहा ले जाने के लिए सभी प्रमुख नदियों पर जल निकासी तैयार करने का निर्देश दिया था.
पिछले दो-तीन साल से शहर में सड़कों पर जल-जमाव और घरों में बारिश का पानी घुसने की समस्या बढ़ गई है। इसका मुख्य कारण सीमेंट की सड़कें और उनकी बढ़ी हुई ऊंचाई है। सड़कें उखड़ने से मकान गिर गए हैं। तेज बारिश होने पर सड़कों का पानी सीधे घरों में घुस जाता है।
दूसरी ओर सीमेंट की सड़कें बनाते समय जल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई। इससे बारिश का पानी सड़क पर काफी समय तक जमा रहता है। जब सीमेंट रोड को ऊंचा किया गया तो चौकों की जगह जस की तस छोड़ दी गई। इसलिए शहर के ज्यादातर चौक चारो ओर से आने वाली सड़कों से निचे हो गए हैं। जरा सी भी बरसात हो जाए तो घुटने तक पानी भर जाता है।
याद रहे कि मनपा ने सीमेंट सड़कों के निर्माण के लिए राठी एसोसिएट्स को सलाहकार नियुक्त किया था। इसी कंपनी ने सीमेंट रोड की डीपीआर तैयार किया था। इसकी बड़ी भूल का नतीजा शहरवासी भुगत रहे लेकिन कंपनी अभी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। हालांकि इसका आर्थिक असर मनपा पर पड़ेगा। तहस-नहस हो चुके चौराहों को सीमेंट सड़क के हिसाब से संतुलित करना होगा। दिलचस्प बात यह है कि राठी एसोसिएट्स को सीमेंट रोड की डीपीआर तैयार करने के लिए 70 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
उल्लेखनीय यह है कि सीमेंट सड़क फेज -2 में हुए भुगतान घोटाले को भी मनपा प्रशासक ने दबा कर ठेकेदार कंपनी को बचाने की कोशिश कर रही हैं.