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नागपुर: हर साल जिला परिषद की प्राथमिक स्कूलों के पहली से 8वीं वर्ग के शिक्षकों की बदलियों के लिए परामर्श का रिवाज चलता चला आ रहा था। लेकिन अब डिजिटलाइजेशन के युग में तबादलों की प्रक्रिया भी पारदर्शी बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस पहल से ना केवल तबादले की प्रक्रिया साफ़ सुधरी होगी बल्कि तबादले के नाम पर घूसखोरी, चमचागिरी और चमचागिरी में भी कमी आ सकती है।
ऐसे में सिफ़ारिश के पुराने रवायत को बदलने के मक़सद से 2500 शिक्षकों की बदलियां ऑनलाइन पद्धति से की दाँ रही है। जिसमें निवेदन से लेकर प्रशासकीय बदली सेवा ज्येष्ठता के मुताबिक की जाएगी।
शिक्षा मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है। इस बदली प्रक्रिया की प्राथमिक नियमावली हाल ही में जिला परिषद के शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई है। जिस पर अमली जामा चढ़ाने के लिए कदम उठाए जाने की जानकारी मिली है। पहले परामर्श पद्धति अधिकारी और शिक्षकों दोनों के लिए सिरदर्द साबित हो रही थी। जिसमें जिला परिषद के शिक्षा विभाग का समय भी खराब होता था। साथ ही इसमें राजनीतिक दखलंदाजी भी हर बार देखने को मिलती थी।
दरअसल यह फ़ैसला शिक्षकों की बदलियों में हेरफेर की बढ़ती कई शिकायतें शिक्षा मंत्रालय को मिलना भी एक बड़ी वजह बताई जा रही है। इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
जिन स्कूल में पेंडिंग तबादले हैं उन स्कूल के मुख्याध्यापक को यह प्रस्ताव विशिष्ठ लॉगिंग के मदद से ऑनलाइन पंचायत समिति शिक्षा विभाग को जोड़ा जाएगा।जिसके बाद ट्रांस्फर ऑर्डर सीधे जिला परिषद के सर्वर पर भेजा जाएगा। निवेदन और बदली के लिए आवश्यक कागजातों की पूर्तता शिक्षकों को स्कूल से ही करनी होगी। इस निर्णय से अब तबादलों में पारदर्शिता आने की उम्मीद जताई जा रही