– केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का बयान
नागपुर – केंद्र सरकार नागरिकों को बेवजह टोल से मुक्त कराने के लिए अत्याधुनिक प्रणाली के इस्तेमाल के विकल्प पर तेजी से काम कर रही है। सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विगत दिनों राज्यसभा में कहा कि उपग्रह के माध्यम से राजमार्गों पर आपसी टोल संग्रह की तर्ज पर अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने की योजना है और वह भी वाहन मालिक के बैंक खाते से और इस प्रकार भविष्य में FASTag की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
गडकरी ने घोषणा की कि अगले तीन वर्षों में यानी 2024 के अंत से पहले, भारत का सड़क बुनियादी ढांचा नेटवर्क अमेरिका की बराबरी का हो सकता हैं.
गडकरी ने स्वीकार किया कि मौजूदा टोल नीति त्रुटिपूर्ण थी, उन्होंने अन्नाद्रमुक के थंबीदुरई पर कड़ी नज़र रखते हुए कहा कि नीति 2014 से पहले यूपीए सरकार द्वारा पेश की गई थी और तत्कालीन सड़क और राजमार्ग मंत्री भी तमिलनाडु से थे। उन्होंने कहा कि शहर में लोग 10 किमी सड़क का उपयोग करते हैं लेकिन 75 किमी के लिए टोल देना पड़ता है। यह गलत है और नागरिकों को टोल से मुक्त करने के लिए तीन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रणालियों का परीक्षण किया जा रहा है।
इनमें से एक सिस्टम को निकट भविष्य में चुना जाएगा। नई तकनीक को लागू करने के लिए विधेयक पेश किया जाएगा। चूंकि यह प्रत्यक्ष उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा, इसलिए भविष्य में FASTag की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इस तकनीक में न तो टोल छूटेगा और न ही कोई बच पाएगा। गडकरी ने यह भी कहा कि नए विधेयक में इससे बचने वालों को सबक सिखाने का प्रावधान होगा.
वर्ष 2024 तक देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बनाऊंगा।