नागपुर – नागपुर विद्यापीठ में पिछले कई दिनों से जारी विद्यापीठ प्रशासन और एनएसयूआई के बीच के संगर्ष को आज सफलता मिली, जिसमे नागपुर एनएसयूआई और विद्यार्थियों की मांग को मान्य करते हुए विद्यापीठ ने मैनेजमेंट कॉउन्सिल की मीटिंग में 20% की वृद्धि को रद्द कर आदेश पास किया.
विद्यार्थियों के हित में एनएसयूआई की यह लड़ाई पिछले कई दिनों से जारी थी लेकिन आज विद्यापीठ में कुछ और ही नजारा दिखा, भारतीय जनता युवा मोर्चा और शिक्षक मंच के लोग सुबह से ही श्रेय लेने की कोशिश करते दिखे परंतु नागपुर विद्यापीठ कुलगुरु सुभाष चौधरी ने एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के नाम से पत्र जारी कर यह साफ कर दिया कि एनएसयूआई ने ही पिछले कई दिनों से छात्रों के हित में लडाई लड़ी है.
कुछ दिन पहले नागपुर विद्यापीठ ने सभी पाठ्यक्रमों के प्रवेश शुल्क में 20% की वृद्धि करने के लिए एक परिपत्र जारी किया था, जिसपर छात्रों के शिकायतों की गंभीरता, कोविड की स्थिति और बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए एनएसयूआई की तरफ से आशीष मंडपे ने नागपुर विद्यापीठ के कुलगुरु सुभाष चौधरी से 20 फीसदी अतिरिक्त शुल्क वृद्धि के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन कुलगुरु की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर 23 अगस्त से एनएसयूआई ने विद्यार्थियों के साथ भूख हड़ताल शुरू कर दी और जैसे ही यह खबर अखबार में छपी, मंत्रालय और वरिष्ठों ने के द्वारा विद्यापीठ पर दबाव डाला गया और आंदोलन जारी रहा इससे विद्यापीठ कुलगुरु सुभाष चौधरी ने आशीष मंडपे (जिला उपाध्यक्ष) को लिखित पत्र के माध्यम से आश्वासन दिया कि 29 अगस्त को प्रबंधन परिषद के समक्ष मांग रखी जाएगी और उस पर सकारात्मक विचार किया जाएगा. जिसके अनुसार आज विद्यापीठ ने मैनेजमेंट कॉउन्सिल की मीटिंग में आदेश पास कर दिया.
युवक कांग्रेस व एनएसयूआई पदाधिकारियों ने इसके लिए कुलगुरु सुभाष चौधरी का आभार माना और विद्यापीठ एनएसयूआई की बाकी मांगों को भी जल्द मान्य करेंगा यह भरोसा जताया इस दौरान युवक कांग्रेस उपाध्यक्ष आशीष मंडपे, एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडे, प्रदेश महासचिव प्रतिक कोल्हे, सौरभ श्रीरामे, प्रणयसिंह ठाकुर, विनोद नौकरिया, रॉयल गेड़ाम, विद्यासागर त्रिपाठी, दया शाहू, अंकित बोहात, साहिल गायकवाड, हर्ष बर्डे, राजरतन रामटेके, सौरभ कालमेघ, रौनक नांदगावे, कुणाल चौधरी, चेतन मेश्राम के साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.