नागपुर – राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण ने शुक्रवार को नागपुर में चार राज्यो में हुई 78 बाघो की मौतों की जानकारी ली। सेमिनरी हिल्स के वन सभागृह में हुई इस बैठक में महाराष्ट्र समेत छत्तीसगढ़ ,मध्यप्रदेश और ओडिशा प्रदेश के वन अधिकारियो ने हिस्सा लिया। बैठक में इस सभी राज्यो के 11 फील्ड डायरेक्टर और उपसंचालक के साथ वनपरिक्षेत्र अधिकारी उपस्थित थे। 78 मामलो में से 10 मामलो की रिपोर्ट एनटीसीए को पहले ही प्राप्त हो चुकी थी जिस वजह से आज की बैठक में 68 बाघो की हुई मौत के कारणों की रिपोर्ट पर एनटीसीए ने गौर किया। इस बाघो की मौत से जुडी विस्तृत रिपोर्ट एनटीसीए दिल्ली मुख्यालय के सहायक महानिरीक्षक वैभव माथुर को सौपी गई। एकत्र की गई इस रिपोर्ट पर विभाग के दिल्ली मुख्यालय में जाँच की जाएगी। वैसे प्राप्त जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में 99 प्रतिशत बाघो की मृत्यु का कारण प्राकृतिक बताया गया है।
इस रिपोर्ट में फ़ाइनल एसओपी (स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर ) रिपोर्ट ,पोस्टमार्टम रिपोर्ट फोरेंसिक और टेक्नोलॉजिकल रिपोर्ट ,हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट के साथ मरे हुए बाघ की फोटो संलग्नित है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में बाघो की मौत के अधिकांश मामलो में फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं जोड़ी गई है जिससे बाघो की वास्तविक मौत के कारणों को पता लगाने संशय बना हुआ है। बैठक में एनटीसीए की जाँच समिति ने बाघो की मौत से संबंधित रिपोर्ट को पेश करने में हुई देती पर नाराजगी भी जताई है।
बाघो के 68 मामलो में सबसे ज्यादा 35 मौत महाराष्ट्र में हुई है। जबकि मध्यप्रदेश में 30 ,छत्तीसगढ़ में 2 और ओडिशा में 1 बाघों की मौत का समावेश है।