दि. 20 अप्रैल 2025 को विदर्भ के विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन की नियमित श्रृंखला “संवाद” में 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर के अध्यक्ष श्री अर्जुनदास आहुजा को साक्षात्कार हेतु आमंत्रित किया गया। जिसमें प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सागर खादीवाला ने उनके साथ व्यवसायिक व पारिवारिक जीवन पर उनसे चर्चा की। सर्वप्रथम श्री सागर खादीवाला ने दुपट्टा व स्मृती चिन्ह देकर श्री अर्जुनदास आहजा का सत्कार किया।
साक्षात्कार में श्री अर्जुनदास आहुजा ने बताया कि आजादी के बाद पाकिस्तान के सिंध प्रांत से उनका परिवार भारत आया और 1947 को पाकिस्तान सिंध प्रांत में उनका जन्म हुआ। विभाजन के बाद 3 महीने के अवस्था परिवार संग भारत आकर नागपुर में बसे। आर्थिक तंगी के चलते 9वीं कक्षा तक ही उनकी शिक्षा हुई। शुरूआत में उन्होंने नागपुर के महल इलाके में छोटा सा रेस्टारेंट शुरू किया किंतु उनका झुकाव पेन व्यवसाय की ओर था जिसके लिए उन्होंने एक फर्म में नौकरी भी की और आगे जाकर उसी फर्म के पार्टनर बने।
डॉ. खादीवाला ने श्री अर्जुनदास आहुजा से पुछा कि क्या उन्होंने व्यवसायिक या पारिवारिक जीवन में निराशा व उतार-चढ़ाव का सामना किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने पुरी गुणवत्ता के साथ व्यवसाय किया है। शुन्य से शुरूआत करने के बाद भी अच्छे लोगों का साथ और विश्वास मिलता गया और उन्होंने 55 वर्षो तक सफल व्यवसाय किया है और अब 20 साल पुर्व अपने दोनों बेटों का अपना व्यवसाय सौंप दिया है। ईश्वर की कृपा और परिवार के साथ से उन्होंने कभी भी व्यवसायिक या पारिवारिक जीवन में निराशा व उतार-चढ़ाव का सामना नहीं किया। व्यवसाय के साथ-साथ अन्य संस्थाओं जैसे नागपुर जनरल मर्चंट एसोसिएशन, पुज्य घोटकी सिंधी पंचायत समिती, सिंधु हाऊसिंग सोसायटी, जरीपटका में विभिन्न पदों पर रहकर अपनी सेवाएं दी है। वर्तमान में नाग विदर्भ चेंबर ऑफ
कॉमर्स के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे है। वे 8-10 वर्षों तक योगा के शिक्षक भी रहे है। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के अभिनंदन कार्यक्रम से प्रेरित होकर बुर्जुगों के लिए जरीपटका में ज्येष्ठ मित्र मंडल की स्थापना की। जिसके द्वारा माह के आखिरी रविवार को नियमित रूप में सदस्यों के लिए संगीत का कार्यक्रम लिया जाता है। प्रतिवर्ष मार्च माह में एक बड़ा संगीत का कार्यक्रम लिया जाता है।
जिससे प्राप्त फंड से गरीब व जरूरत मंद लोगों दवाई व इलाज की सामग्री उपलब्ध करायी जाती है। श्री अर्जुनदास आहुजा ने सभी से कहा कि हमेशा अपनी सोच सकारात्मक सोच रखे, पुरी गुणवत्ता के साथ अपना व्यवसाय करे तथा ईश्वर पर भरोसा करे तो आपके जीवन में निराशा व विफलता कभी नहीं आएगी। डॉ. खादीवाला ने कहा कि आप 78 वर्ष की आयु में भी इतने व्यवस्त व सक्रिय है। उन्होंने श्री अर्जुनदास आहुजा को शुभकामनांए दी कि इसी तरह स्वस्थ्य रहे और अपनी संस्थाओं के माध्यम से गरीबों व जरूरतमंदों की मदद करते रहे।
अध्यक्ष श्री अर्जुनदास आहुज ने भी डॉ. सागर खादीवाला व उनके माध्यम से विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन को अपने जीवन के अनुभवों को सभी के साथ साझा करने का अवसर देने हेतु धन्यवाद दिया। उपस्थित सदस्यों ने श्री अर्जुनदास आहुजा से उनके जीवन व व्यवसाय संबंधित सवाल किए, जिसका उन्होंने समाधान किया।
इस अवसर पर चेंबर पुर्व अध्यक्ष- प्रफुलभाई दोशी जी, उपाध्यक्ष – फारूक अकबानी, चेंबर के सदस्य, मोहन चोईथानी, नारायण तोष्णीवाल, लक्ष्मणदास पेशवानी, राकेश गांधी, महेशकुमार कुकडेजा, योगेश भोजवानी, रामअवतार तोतला, उमेश पटेल, मनोज लटुरिया, विक्रम आहुजा, कमल किशोर सारडा तथा ज्येष्ठ मित्र मंडल व पुज्य घोटकी सिंधी पंचायत समिती के सदस्य बड़ी मात्रा में उपस्थित थे।
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा अध्यक्ष श्री अर्जुनदास आहुजा ने दी।