विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स के उपाध्यक्ष श्री स्वप्निल अहिरकर, सहसचिव श्री राजवंतपाल सिंग तुली एवं कार्यकारणी सदस्य व अप्रत्यक्ष कर उपसमिती के संयोजक सी.ए. रितेश मेहता ने श्री राजीवकुमार मित्तल(आयुक्त, स्टेट जी.एस.टी.) से उनके कार्यालय मुलाकात कर जी.एस.टी. एवं वैट संबंधी विभिन्न परेशानियों पर प्रतिवेदन दिया।
चेंबर के उपाध्यक्ष श्री स्वप्निल अहिरकर ने कहा कि जी.एस.टी. विभाग द्वारा खाद्य व अनाज पर जी.एस.टी. लागू किया है। किंतु आजादी के पुर्व काल से आजतक खाद्यान्न सामग्री संबंधित वस्तुओं पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं था। कृषी क्षेत्र भारत सबसे बड़ा उद्योग किंतु अब सरकार ने उस क्षेत्र से संबंधित जीवनावश्यक वस्तुओं एव कृषी उत्पादित वस्तुओं पर पर जी.एस.टी. लगाया है जो कि अव्यवहारिक है। जी.एस.टी. लागू करने के कारण इन वस्तुओं की कीमतों में बहुत अधिक वृद्धि होकर आमजनता जो कि अंतिम उपभोक्ता है उस पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और यह वस्तुएं उनकी की पहुंच से दुर होती जायेगी। अतः विभाग इन वस्तुओं पर लागू की जी.एस.टी. को तुरंत वापस लेकर आमजनता को राहत देना चाहिये।
चेंबर के सहसचिव श्री राजवंतपाल सिंग तुली ITC के बिलों के मिलान हेतु जी.एस.टी.प्रक्रिया को सरलीकरण करने एवं किसी कारणवश जी.एस.टी. के भुगतान पर होने वाली देर पर लगने ब्याजदर को कम करना चाहिये। जी.एस.टी. विभाग द्वारा करदाताओं के लिये लागू की गयी अभय योजनाएं जैसे- MVAT, CST, PT आदि की अंतिम तारीख को 31 मार्च 2023 तक बढ़ाने का भी निवेदन किया।
चेंबर के अप्रत्यक्ष कर समिती के संयोजक श्री रितेश ने कहा कि जी.एस.टी ने कहा कि जी.एस.टी. के प्रावधानों में समय-समय पर बदलाव होते रहने के कारण के रिर्टन फाइल एवं अनुपालन करने में कई भूल चूक की संभावनाए अधिक रहती है। अतः जी.एस.टी. विभाग ने जी.एस.टी. आॅडिट एवं रिटर्न की जांच करते समय नरमी बरतना चाहिये। साथ ही उन्होंने माननीय आयुक्त जी को आॅडिट मामले एवं जांच संबंधी सरकुलर जारी करने हेतु धन्यवाद दिया एवं कहा कि इससे करदाताओं को जी.एस.टी. जांच संबंधी मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी।
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा चेंबर के सचिव श्री रामअवतार तोतला ने दी।