दि. 08 अप्रैल 2021 को विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था के अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया के नेतृत्व में नागपुर के सभी व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों व व्यापारियों ने “थाली बजाओं – सरकार जगाओं” मुहिम के तहत गांजाखेत, सराफा बाजार, शहीद चैक, लोहा ओली मार्केट, जनरल मर्चंट मार्केट भंडारा रोड, तीन नल चैक, होलसेल मार्केट, गीताजंली चैक, सीताबर्डी, लक्ष्मी भवन चैक आदि स्थानों में अपने-अपने बंद दुकानों के सामने थाली बजाकर महाराष्ट्र राज्य में लगाये लाॅकडाउन का तीव्र विरोध किया।
चेंबर द्वारा दि. 7 अप्रैल 2021 को आॅनलाइन झूम एॅप पर चेंबर से संलग्न सभी व्यापार संगठनों के पदाधिकारियों की सभा में अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया ने कहा कि गत एक वर्ष से, कभी केन्द्रीय सरकार, कभी राज्य सरकार, तो कभी स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाये गये लाॅकडाउन से व्यापारी बहुत ही आर्थिक परेशानियों में घिर गया है किंतु आर्थिक परेशानियों एवं कर्ज को खत्म करने हेतु सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद की घोषणा नहीं की गयी।
सभा में व्यापारी संगठनों ने सर्वसम्मती से तय किया कि सरकार द्वारा लाॅकडाउन में शिथिलता देने के लिये सभी व्यापारी अपने-अपने प्रतिष्ठानों के सामने काले फीते बांधकर तथा थाली बाजाओं-सरकार जगाओं अभियान के तहत शांतीपूर्ण ढंग से अपनी मांग संचार तंत्र के माध्यम एवं समाचारपत्रों के माध्यम से सरकार एवं विपक्ष के सामने रखेंगे।
चेंबर के अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया ने “थाली बजाओं – सरकार जगाओं” के अभियान के तहत कहा कि व्यापारी वर्ग ने अपने व्यवसाय को चलाने के लिये व्यापारियों द्वारा बैंकों से कर्ज भी लिया गया, जिसका ब्याज पर ब्याज बढ़ता जा रहा है। लाॅकडाउन में सरकार द्वारा व्यापारियों को व्यापार बंद कर घर में रहने के लिये मजबुर किया जा रहा हैं।
बढ़ता हुआ कोरोना संक्रमण हम सबकी चिंता का विषय वर्तमान में जितना इंसान को कोरोना महामारी से बचना जरूरी है, उतना ही जीने के लिये व्यापार करना भी जरूरी है। स्थानीय प्रशासन ने मार्च 2021 में मिनी लाॅकडाउन लगाया था, उस समय शहर मे कोरोना महामारी संक्रमण की संख्या प्रतिदिन 1500 से 1800 थीं किंतु अप्रैल माह में पुनः राज्य सरकार द्वारा लगाये गये लाॅकडाउन के तहत बंद बाजारों के बंद रहने बावजुद प्रतिदिन 4000 से अधिक संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। इसका मतलब तो यही है कि बाजारों से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है। फिर भी व्यापारी वर्ग अपनी सामजिक एवं नैतिक जिम्मेदारी उठाते हुये कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिये सरकार द्वारा लगाये लाॅकडाउन में प्रशासन को सहयोग करने को तैयार है किंतु सरकार ने व्यापारी वर्ग को आर्थिक मदद करते हुये निम्न व्यवस्था करनी होगी।
-जिन व्यापारियों द्वारा व्यापार चलाने के लिये बैंकों से कर्ज लिया गया। बैंकों द्वारा लाॅकडाउन अवधी में लगने वाले ब्याज में रियायत देना चाहिये।
-जिन व्यापारियों की दुकाने किराये पर है उनकी दुकानों का लाॅकडाउन अवधी का किराये की भरपाई सरकारी कोष से की जानी चाहिये।
-दुकानों पर कार्यरत कर्मचारियो का वेतन सरकारी कोष से दिया जाना चाहिये।
-लाॅकडाउन अवधी तक संपत्ती कर, बिजली बिल, टेलीफोन बिल आदि माफ किया जाना चाहिये।
-व्यापारी एवं उनके कर्मचारियों के बच्चों की स्कूल -काॅलजों में लगने वाली फीस माफ की जानी चाहिये।
नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स सरकार से अपील करता है कि कोरोना महामारी के नाम पर लगाये गये लाॅकडाउन अवधी व्यापारियों की आर्थिक मदद करते हुये उपरोक्त व्यवस्था करवायें या लाॅकडाउन में शिथिलता देते हुये व्यापारियों को नियमों के तहत व्यापार करने की अनुमती प्रदान करें। अन्यथा व्यापारी वर्ग द्वारा लाॅकडाउन के विरोधार्थ शांतीप्रिय आंदोलन को सभी व्यापार संगठनों के पदाधिकारियो एवं व्यापारियों के साथ मिलकर चलाया जायेगा।
-उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा सचिव श्री रामअवतार तोतला ने दी।