नागपुर: ओबीसी समाज के विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप में केंद्र सरकार द्वारा की गई कटौती से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इन दिनों नाराज चल रही है. पार्टी के ओबीसी सेल द्वारा संविधान चौक पर मंगलवार को आंदोलन कर जिल्हाधिकारी को निवेदन सौंपा गया. सरकारी आकड़ेनुसार तीन साल पहले पांच सौ करोड़ रुपए के अनुदान में कटौती की गई है. 2014-15 में केंद्र सरकार ने 559 करोड़ रुपए दिए थे. 2015-16 में कटौती कर 501 करोड़ कर दिए गए. 2016 -17 में इस अनुदान में फिर कटौती की गई और केवल 78 करोड़ रुपए ही दिए गए और अब केवल 54 करोड़ रुपए ही केंद्र सरकार ने ओबीसी समाज के विद्यार्थियों के लिए दिए हैं. जिसके कारण विद्यार्थियों के साथ ही इस समाज में भी खासी नाराजगी देखी जा रही है.
विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा स्कॉलरशिप दी जाती है. इसमें इंजीनियर, मेडीकल व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का भी समावेश है. इस स्कॉलरशिप पर राज्य के लाखों विद्यार्थी शिक्षा का लाभ ले रहे हैं. दो वर्षों से स्कॉलरशिप की निधि में केंद्र सरकार द्वारा बड़ी कटौती किए जाने की वजह से साढ़े साठ लाख विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है.
इस बारे में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष बबनराव तायवाड़े केंद्र सरकार के इस रवैय्ये को लेकर अपनी नाराजी जताते हैं. उनका कहना है कि केंद्र सरकार का यह निर्णय गलत है. इससे लाखों ओबीसी समाज के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा से वंचित रहना पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय एक तरह से ओबीसी, एससी समाज के लोगों पर अन्याय ही है.
इस बारे में समाज कल्याण विभाग के उपायुक्त माधव झोड़ ने कहा कि यह लगातार होने वाली प्रोसेस है. विभाग के सचिव इस विषय को लेकर केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे और निधि की मियाद बढ़ाने की मांग सरकार के सामने रखेंगे.