नागपुर: विभिन्न केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं अंतर्राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के निजी संस्थाए इसलिए मनमर्जी का व्यवहार कर रहे हैं क्योकि शिक्षा विभाग से सम्बंधित नागपुर में बैठे वरिष्ठ अधिकारी अपने दायित्व से पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं. यह आरोप आम आदमी पार्टी की ओर से आयोजित पत्र परिषद में जम्मू आनंद ने लगाया है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों, परिपत्रकों को लेकर शिक्षा उपसंचालक अनिल पारधी को कोई भी जानकारी नहीं है. क्योंकि जब आप कार्यकर्ता पारधी से मिलने 4 सितम्बर को उनके कार्यालय गए और राज्य सरकार द्वारा लिए गए स्कूलों के लिए विभिन्न निर्णयों के बारे में चर्चा की तो उन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं होने की बात कही.
उन्होंने कहा कि शहर में 55 सीबीएसई स्कूले हैं और राज्य माध्यमिक मंडल की करीब 1400 स्कूल है. शहर में सीबीएसई करिकूलम चलानेवाली शिक्षा संस्थाएं अभिभावकों से मनमाना शुल्क वसूला जाता है. लेकिन शिक्षा उपसंचालक इन स्कूलों पर कोई भी कार्रवाई नहीं करते. शिक्षा उपसंचालक का कहना है कि यह स्कूल राज्य सरकार के नियम में नहीं आते. जबकि राज्य सरकार केपरिपत्रक में इन स्कूलों का भी उल्लेख है. इससे साफ़ है कि कहीं न कहीं शिक्षा उपसंचालक इन स्कूलों की मनमानी को लेकर गंभीर नहीं हैं.
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र शैक्षणिक संस्था अधिनियम 2016 मुख्य रूप से कौन से शुल्क वसूलने चाहिए कौन से नहीं इसके लिए पालक शिक्षक एवं उसकी कार्यकारी परिषद, विभागीय शुल्क नियमन समिति और उसका स्वरूप, राज्य सरकार द्वारा विभागीय शुल्क नियमन समिति को गठित करने के लिए चयन समिति का भी उल्लेख है. लेकिन इनमें से कई ऐसे नियम हैं, जिस पर कोई भी स्कूल अमल नहीं कर रहा है और शिक्षा उपसंचालक भी मौन बने बैठे हैं, जो एक गंभीर बात है.
उन्होंने बताया कि स्कूलों की मनमानी फ़ीस वसूलने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मोर्चा खोला है और निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई है. उन्होंने नागपुर शहर के अभिभावकों से अपील की है कि वे इन निजी शिक्षा संस्थाओं के खिलाफ उन्हें संपर्क करे. करीब 22 मुद्दों को शिक्षा उपसंचालक के सामने आप कार्यकर्ताओं की ओर से रखा गया है. जिस पर चर्चा करने का आश्वासन शिक्षा उपसंचालक ने दिया है. इस पत्र परिषद में आप के चंद्रशेखर पराड, संजय शर्मा, आरिफ दोसानी, करण शाहू, आतिश तायवाड़े मौजूद थे.