Published On : Fri, May 18th, 2018

सुपारी कारोबारियों पर ‘ऑन स्पॉट’ दर्ज होगा एफआईआर

betel businessmen

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नागपुर: उपराजधानी विकास के पथ पर जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है यहां अवैध व्यवसाय भी उतनी ही तेजी से फल-फूल रहा है। शहर में जड़ें जमाने के लिए लगे सुपारी माफियाओं और उनके कारोबार पर पुलिस जल्द ही शिकंजा कसने वाली है। सुपारी तस्करों, दलालों, माफियाओं और कारोबारियों पर अब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के अधिनियम अंतर्गत एफआईआर दर्ज की जाएगी।

पुलिस उपायुक्त नीलेश भरणे ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस अब सुपारी से जुड़े किसी भी प्रकरण के सामने आने पर उसके बारे में एफडीए से शिकायत लेकर सीधे संबंधित सुपारी कारोबारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी। इतना ही नहीं, अब एफडीए से जब्त सुपारियों के सैंपल की रिपोर्ट भी जल्द से जल्द मंगवाई जाएगी, ताकि मामले को हल करने में मदद मिल सके।

डीआरआई कर चुकी है छापामार कार्रवाई
हाल ही के दिनों में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने कुछ सुपारी कारोबारियों के खिलाफ छापामार कार्रवाई की थी। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की इस कार्रवाई के समय राजनीति से भी जुड़े कुछ सुपारी कारोबारियों ने डीआरआई अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी उस समय डीआरआई के सामने दाल नहीं गल पाई थी। तब शहर के इन सुपारी कारोबारियों के बीच भी हलचल मची हुई थी। इस बार सुपारी के इस खेल का तेल निकालने के लिए एफडीए और पुलिस प्रशासन पूरी तरह कमर कस चुका है।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुपारी का यह कारोबार कलमना मंडी, इतवारी तक ही सीमित नहीं रह गया है। यह कारोबार शांतिनगर क्षेत्र से भी संचालित होने लगा है। यहां पर कई कबाड़ी अपने व्यवसाय की आड़ में सुपारी के कारोबार से जुड़े हैं। इस क्षेत्र में वसीम नामक व्यक्ति की सुपारी कारोबार और एफडीए में गहरी पैठ होने के कारण एफडीए की टीम के साथ ही पुलिस भी आने से कतराती है। यह भी सुपारी के कारोबार में काफी समय से लिप्त है। कुछ वर्ष पहले शांतिनगर क्षेत्र में “अन्ना सुपारीवाला’ का इस कारोबार में बोलबाला हुआ करता था।

पुलिस की बढ़ती पैठ और एफडीए की कार्रवाई का बढ़ता दबाव इस कारोबारी को शहर छोडने पर मजबूर कर दिया। सूत्र बताते हैं कि “अन्ना सुपारीवाला’ जब तक नागपुर में था, तब तक दूसरे कोई व्यापारी इस कारोबार में आगे नहीं बढ़े थे। उसके शहर छोडकर “केरल’ में बस जाने पर उसके इस कारोबार को कई लोग अपना कारोबार बना लिया। सुपारी तस्करी में “अन्ना सुपारीवाला’ का नाम आज भी कई पुराने सुपारी कारोबारियों को पता है। नागपुर में सुपारी की तस्करी के खेल में कुछ चुनिंदा ट्रांसपोर्ट व्यापारी भी शामिल हैं, जिनके वाहनों में अनाज की बोरियों के बीच सुपारी की खेप आकर गोदाम में जमा हो जाती है।

कार्रवाई से खलबली
पिछले दिनों कलमना पुलिस की कार्रवाई से सुपारी कारोबारियों में खलबली मची हुई है। उपायुक्त नीलेश भरणे की मानें तो कलमना क्षेत्र में गत दिनों सुपारी से लदे जो दो वाहन पकड़े गए थे, उन दोनों वाहनों का माल एफडीए के सुपुर्द कर दिया गया था। एफडीए ने उस माल का सैंपल लेकर बाकी माल को जब्त कर गोदाम में रखा है। माल जब्ती कर रखने का गोदाम है, लेकिन माल लदे वाहनों को जब्त कर रखने का गोदाम नहीं है।

जब पुलिस जवानों ने यह माल पावनगांव रोड पर पकड़ा था, तभी उन्होंने दोनों वाहन चालकों से माल के दस्तावेज मांगे थे। दोनों वाहनों ने उस समय दस्तावेज नहीं दिए थे, जिसके चलते दोनों को कलमना थाने लाया गया। उसके बाद माल सहित दोनों वाहनों को एफडीए के सुपुर्द कर दिया गया था। तब इस बात का खुलासा हुआ था कि यह माल मस्कासाथ के सुपारी कारोबारी रविरंजन के मस्कासाथ स्थित धीरज एंड रविरंजन ट्रेडर्स प्रा. लि. कंपनी में जा रहा है। इस माल को एफडीए के अन्न सुरक्षा अधिकारी वासडे और धवड़ के सुपुर्द किया गया था।

कई व्यवसायी बोले-बदनाम करने का प्रयास
सुपारी छापामारी मामले में व्यवसायी प्रतिनिधियों ने कहा है कि कुछ लोग जान-बूझकर बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। दि नागपुर सुपारी मर्चंट एसोसिएशन कर्मचारी संगठन नागपुर नामक प्रस्तावित संगठन के प्रतिनिधियों ने दैनिक भास्कर से बातें साझा की। उनका कहना है कि शहर में सुपारी व्यवसाय में बड़े पैमाने पर लोगों का रोजगार भी जुड़ा है।

सुपारी कृषि उपज है। उसमें किसी तरह की मिलावट नहीं की जा सकती है। असम , बंगाल, केरल, कर्नाटक व अंडमान से सुपारी खरीदकर लाई जाती है।

उस पर नागपुर में प्रक्रिया की जाती है। जैसे अन्य अनाज की सफाई की जाती है, वैसे ही सुपारी को साफ किया जाता है। इसके लिए राज्य सरकार के खाद्य विभाग ने लाइसेंस जारी किया है। समय-समय पर कारखानों के अधिकारी निरीक्षण व जांच करते हैं। जीएसटी विभाग का लाइसेंस भी लिया गया है। इसका डाटा ऑनलाइन देखा जा सकता है। कुछ लोगों ने इस व्यवसाय को लेकर पुलिस व मीडिया को भी भ्रमित करने का काम किया है। वसीम बावला, विनोद हेमनानी, हितेंद्र मेहता व अन्य व्यवसायियों ने यह जानकारी दी।

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