- अन्यथा आंदोलन का इशारा
- सामाजिक संघटना पदाधिकारियों का ज्ञापन
उमरखेड (यवतमाल)। उमरखेड बस डेपो में बस स्थानक से बाहर जाने का मार्ग बंद किया गया है. जिससे उमरखेड बस स्थानक के पीछे गंदगी का साम्राज्य निर्माण हुआ है.
केंद्र सरकार और राज्य सरकार स्वतः हाथ में झाड़ू लेकर साफ सफाई में मग्न हुए है. प्रसार माध्यम से आम जनता को स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास शुरू है. लेकिन इन सभी बातों की ओर डेपो प्रमुख अनदेखी कर रहे है. फिलहाल इस परिसर में इतनी गंदगी है कि, बस स्थानक के पीछे जाने पर नाक को रुमाल लगाकर जाना पड़ता है. इससे यात्रियों की दुर्गति हो रही है. वहीं इससे बिमारिया फ़ैल रही है. और तो और इस गंदगी से मच्छरों का प्रमाण भी बढ़ रहा है.
डेंग्यु मच्छरों से व्यक्ति को डेंग्यु का सामना करना पड रहा है. कुछ लोगों ने इसे स्वच्छालय बना रखा है. पिछे से बस जाने का मार्ग था. प्रत्येक बस स्थानक से बस जाने का एक मार्ग और अंदर आने का दूसरा मार्ग होता है. परंतु पिछले डेपो प्रमुख ने कुछ धनवान व्यक्ति से आर्थिक समझौता कर बस स्थानक के पिछे का रास्ता बंद करने की चर्चा जनता में चल रही है. इससे जनता को आवागमन के लिए एक ही रास्ता होने से बस तथा यात्रीयों के साथ दुर्घटना होने की संभावना है.
यह बात सामजिक संघटना के पदाधिकारी और पत्रकारों के ध्यान में आने से सामजिक संघटना के पदाधिकारी सतीश कोल्हे, शे. निसार, दिगाम्बर भनकर, राजेश खन्दारे, नितिन सोनाले ने डेपो प्रमुख को बस स्थानक की बस बाहर जाने का मार्ग बंद है वो तुरंत चालू करने के लिए लिखित ज्ञापन सौंपा है तथा संबंधित प्रति कॉपी म.रा. परिवहन मंत्री, जिला अधिकारी, विभागीय अधिकारी रा.प.म., उपविभागीय अधिकारी उमरखेड को दिया गया.
इस संबंध में वरिष्ठों ने तुरंत मार्ग शुरू करके जनता और आवागमन करने वाली बस को परेशानी से निजात दे ऐसी जनता की मांग है.