Published On : Wed, Jul 21st, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

MOIL में CISF की तैनातगी का विरोध

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नागपुर – MOIL जैसे सरकारी PRODUCTION कंपनी में CISF की तैनातगी होनी चाहिए थी,वर्त्तमान कुछ दिग्गज अधिकारी इसमें बाधा डालते रहे.जबकि CISF ने वर्ष 2009 में सुरक्षा मामले में एक रिपोर्ट तैयार किया था.

मॉइल की कुल 11 खदान और मुख्यालय नागपुर से सम्बंधित थी.प्रत्येक खदान 10 ASI सह कुल 93 सुरक्षा रक्षक की तैनातगी की जरुरत हैं.क्यूंकि कोई भी खदान 500 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ हैं.

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उदहारण : गुमगांव खदान का क्षेत्रफल 543 एकड़ हैं.और यहाँ मात्र 10 गार्ड हैं,इनमें से 2 खदान प्रबंधक के बंगले पर तैनात हैं.प्रत्येक शिफ्ट में 3 – 3 गार्ड भी उपलब्ध नहीं।याने शेष महत्वपूर्ण जगह लोडिंग और कांटाघर में कोई गार्ड नहीं होता।

सुरक्षा रक्षकों को REPORTING खदान प्रबंधकों को करना पड़ता हैं.जबकि मॉइल की अस्थापना में SECURITY MANAGER पोस्ट हैं,जो पिछले 4 साल से रिक्त हैं,इसके अलावा सुरक्षा-रक्षकों का 80 पद रिक्त हैं.पिछले 10 माह में चोरी आदि के 34 मामले स्थानीय पुलिस थानों में दर्ज करवाए जा चुके हैं.इससे पहले और अब माह में इक्का-दुक्का मामले ही दर्ज हो रहे.अर्थात साफ़ हैं कि खदान प्रबंधकों के शानो-शौकत को देख यही आभास हो रहा कि खदानों में बेहिसाब खनिज सम्पदा की चोरी शुरू हैं,जिस पर कोई लगाम नहीं।

LOW का दाम लेकर HIGH GRADE दिया जा रहा
मैंग्नीज ओर का हाई ग्रेड 27000 रूपए/टन हैं.खदानों से सीधा व्यापारियों से LOW GRADE का दाम लेकर HIGH GRADE का मैंग्नीज दिया जा रहा.इतना ही नहीं 10 टन का दाम लेकर 20 टन दे दिया जा रहा.क्यूंकि सुरक्षा के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं इसलिए इसका अंकेक्षण मुमकिन नहीं।और न ही GRADATION तय करने के लिए खदानों में प्रयोगशाला भी नहीं,प्रयोगशाला सिर्फ मुख्यालय में हैं,इसलिए भी धांधली पूर्ण शबाब पर हैं.इस मामले में खदान प्रबंधकों का सीधा संबंध PRODUCTION & PLANNING निदेशक SHOME से होने के कारण मामला SET हैं,अर्थात किसी को कोई खतरा नहीं।

सैकड़ों करोड़ खर्च लेकिन उत्पादन शून्य
खापा माइन्स के निकट परसोडा माइन्स के लिए 2 साल पूर्व जमीनें खरीदी गई,जमीनों का मुआवजा सह 500 नौकरियां दी गई,लेकिन आजतक रत्तीभर प्रोडक्शन शुरू नहीं हुआ.क्यूंकि ऊपर सर डंडा न पड़े इसलिए मनसर के खदान से मैंग्नीज लेकर रात में परसोडा में जमा किया जाता फिर वहां से डिस्पैच कर यह दर्शाया जा रहा कि यहाँ प्रोडक्शन शुरू हैं.

अब देखना यह हैं कि आने वाला नया मुखिया कितना ऊर्जावान होता हैं ताकि MOIL का फायदे में आने से राष्ट्र का उत्थान हो सके.

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