नागपुर: विगत माह कर्नाटक विस चुनाव के बाद विपक्ष की एकजुटता भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती हैं.इस फॉर्मूले पर चलते हुए काटोल विधानसभा क्षेत्र में सम्पूर्ण विपक्ष एकजुट नज़र आ रहा हैं.स्थानीय प्रभावी नेता चरणसिंह ठाकुर के बढ़ते कदम को रोकने के लिए पूर्व मंत्री अनिल देशमुख, विधायक डॉ आशिष देशमुख, पूर्व विधायक सुनिल शिंदे,शेकाप नेता राहुल देशमुख, शिवसेना जिल्हाप्रमुख तथा नरखेड पं. स सभापती राजेन्द्र हरने, पूर्व उपाध्यक्ष समिर उमपआदि एकमंच पर नज़र आये.
काटोल शहर में आयोजित एक कुषी प्रतिष्ठान दुकान के लोकार्पण समारोह के दौरान देखने को मिलने से काटोल शहर बड़े पैमाने पर चर्चा का विषय बना हुआ है। जो अभी काटोल विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनकर आए डॉ आशिष देशमुख अभी अपने पार्टी से नाराज होकर पार्टी के विरोध में आवाज बुलंद करते हुए दिखाई दे रहे।
जिस वजह से काटोल नगरपालिका के सत्ता पक्ष नेता तथा तीर्थक्षेत्र पारडसिंगा मंदिर के अध्यक्ष चरणसिंग ठाकुर इनकी भारतीय जनता पार्टी तथा केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी व राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे के नजदीकियां और भी बढ़ती जा रही है जिससे चरणसिंग ठाकुर इनका जनाधार बढ़ते ग्राफ को देखते हुए रोकथाम करने के लिए रोकने हेतु एकझूट होते हुए दिखाई दे रहे है। जिससे लगता है कि। आने वाले 2019 विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।