ओबीसी आवेदक को सामान्य श्रेणी दर्शाकर नौकरी से वंचित करने का मामला
नागपुर: ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की आयुध निर्माण भर्ती केंद्र द्वारा लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी. जिसमें ओबीसी श्रेणी के तहत आवेदक की वरीयता को नज़रअंदाज कर सामान्य श्रेणी में डाल दिया गया था. साथ ही सामान्य श्रेणी में फर्जी आवेदनकर्ताओं को सही ठहराते हुए उन्हें नियुक्ति देने की प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया. दूसरी ओर अन्यायग्रस्त आवेदकों ने कैट में न्याय की गुहार लगाई तो कैट के निर्णयों को नज़रअंदाज कर उन्हें गुमराह किया गया.
वर्ष २०१७ के १९ जून को आयुध निर्माण भर्ती केंद्र के जरिए विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन आवेदन के साथ शुरू हुई. इस भर्ती प्रक्रिया में कम अंक एवं बिना प्रमाणपत्रधारकों को नियुक्ति प्रक्रिया में स्थान दिया गया. तो दूसरी ओर ज्यादा अंक ( नियमानुसार मेरिट सूची धारकों को जो ओबीसी और सामान्य श्रेणी में नौकरी के हक़दार ) के साथ सही प्रमाणपत्र धारकों को समाचार लिखे जाने तक सम्बंधित केंद्र सह कैट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
उपरोक्त मामले से ग्रसित कुमार ने उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में कैट के माध्यम से शिकायत दर्ज करवाई गई. इसके बाद न्यायालय ने आदेश दिया किया कि २ सप्ताह के भीतर कागजातों की जाँच प्रक्रिया पूरी कर अगले ८ सप्ताह में कुमार को नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए.
लेकिन आयुध निर्माण भर्ती केंद्र अपनी गलती स्वीकारने को तैयार नहीं और न्यायालय के आदेश को तिलांजलि देकर अपनी मनमानी कर रहा है. जल्द ही कुमार उच्च न्यायालय में केंद्र की मनमानी के खिलाफ याचिका दायर करेंगे तथा साथ में सीबीआई जांच के लिए शिकायत दर्ज करवाएंगे.