Published On : Fri, Aug 6th, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

रेती, गिट्टी, मुरूम के लिए चलाये जा रहे ओवरलोड वाहनें

Advertisement

– जिला प्रशासन और आरटीओ विभाग की चुप्पी से राजस्व का नुकसान व सड़कों की उड़ रही धज्जियाँ,बारिश के मौसम में सड़कों की हालात देखते बनती हैं

नागपुर– सरकारी राजस्व को सेंध लगाते हुए रेती, गिट्टी, मुरूम सहित अन्य खनिज संपदा आदि के लिए चलाए जा रहे ओवरलोड वाहनों पर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय की चुप्पी से ओवरलोड ट्रकों से हो रहे करोड़ों रुपए की दलाली को लेकर बारंबार ध्यानाकर्षण करवाया जाता है लेकिन आरटीओ विभाग ‘उल्टे घड़े’ की भाँति रवैये अपनाये हुए हैं.आरटीओ विभाग के करीबी सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी कार्यालय,आरटीओ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से रेती, गिट्टी आदि का परिवहन कर रहे ट्रकों को ओवरलोड चलने के लिए भारी दलाली वसूली जा रही है.

Today’s Rate
Tuesday 12 Nov. 2024
Gold 24 KT 75,900 /-
Gold 22 KT 70,600 /-
Silver / Kg 90,000 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

नागपुर की बात करें तो यहां ओवरलोड ट्रकों के लिए 7 से 8 हजार रुपए की वसूली की जा रही है. गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर और गड़चिरोली में तो यह आंकड़ा 13,000 रुपए प्रति ट्रक है. वर्तमान में इन शहरों से करीब 4,000 ट्रक प्रतिदिन रेती या गिट्टी ढोते हैं. इस प्रकार आरटीओ अधिकारियों की मदद से प्रति माह 5,20,00,000 रुपए की दलाली वसूली जा रही है जो हैरान करने वाली बात है.यह संख्या को केवल ट्रकों की है. इसमें अभी ओवरलोड सड़कों पर दौड़ रही ट्रैक्टर – ट्राली सहित अन्य परिवहनो की वसूली जोड़ी ही नहीं गई है.

वसूली के क्रम में सबसे अग्रणी आरटीओ के फ्लाइंग स्कॉर्ड हैं.नागपुर जिले की सीमा से गुजरने वाले ओवरलोड परिवहनों के नियमानुसार रहदारी सह जुर्माना वसूल करने के बजाय प्रति वाहन मासिक कमीशन नगदी में वसूली जाती है.उल्लेखनीय यह है कि ऐसा नहीं है कि आरटीओ अधिकारियों के ध्यान में यह बात नहीं है. बावजूद इसके सारा परिवहन विभाग आंखें मूंदकर यह अवैध परिवहन होने दे रहा है.

होना यह चाहिए कि ओवरलोड ट्रक पकड़े जाने पर उन्हें डिटेन कर पुलिस में प्रापर्टी डैमेज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए. यदि इन ओवरलोड ट्रकों पर कार्रवाई नहीं की गई तो जागरूक संगठन जिले की सड़कों को ख़राब होने से बचाने एवं सरकारी राजस्व को चुना लगाने वालों के खिलाफ आंदोलन का रास्ता खुला है. वर्त्तमान आरटीओ से मांग की गई कि रेती घाटों और खदानों में धरमकांटे, सीसीटीवी कैमरा और रायल्टी पर एक सरकारी अधिकारी की नियुक्ति की जाए. साथ ही अवैध रूप से चलाई जा रही स्टोन क्रेशर पर तत्काल प्रभाव से एक्शन लिया जाए.

रेती, गिट्टी आदि ढोने वाले वाहनों पर जीपीएस सिस्टम अनिवार्य किया जाए ताकि इनकी आवाजाही पर नजर रखी जा सके. यह भी सत्य है कि रेती घाट और स्टोन क्रेशर मालिकों ने बड़े ही सुनियोजित तरीके से रायल्टी के नाम पर कीमतें बढ़ा दी हैं. इससे नागरिकों को अतिरिक्ति भुगतान करना पड़ रहा.

Advertisement