लीज को करे फ्रिहोल्ड, पिडित जनता शुल्क भरणे तैयार
नागपूर – मौजा वाठोडा, .शीट नंबर ५० व भुमापन 230, खसरा क्रमांक 157 नागपूर यहा स्थित धरती माँ लोककल्याण सोसायटी और मानव शक्ती गृहनिर्माण सहकारी संस्था नागपुर इनके द्वारा वर्ष 2000 मे 1200 प्लॉट लोगो को बेचे गये, लोंगो ने अपनी मेहनत की कमाई और कर्ज लेकर पक्के मकान बनाये, इस बस्ती मे एनमसी, एनआयटी, एमएसीबी इन सभी ने नागरी सुविधाए जैसे इलेक्ट्रिक, स्ट्रीट लाइट, रोड, नल, घर टॅक्स उपलब्ध करवाये। लोगो ने सोसायटी को बार बार रजिस्ट्री लगाने को कहा तो सोसायटी मालक शेख मेहमूद और रमेश कांबळी इन्होणे टालमटाल करते गये। स्थानीय पार्षद और आमदार इनके पास भी बार बार निवेदन दिए गये,
लेकिन इनको न्याय नही मिला, अचानक दिनांक 13 जनवरी 2022 को एनआयटी के अधिकारी और पोलीस अधिकारी के साथ जेसीबी लेकर खसरा नंबर 157 के घरो और तीन कंपाउंड वाल को तोड दिया, किसी को पुर्वसुचना और बिना नोटीस के तोडू दस्ते ने कारवाई की, लोगोने इसका विरोध करने के बाद अधिकारी लोग वापस चले गये, दुसरे ही दिन फिर से बिना नाम के नोटीस लेकर अधिकारी आये और लोगो का नाम पुछकर नोटीस देने की कोशिश करने लगे, बस्ती के सभी लोगों ने इस बात का विरोध करणे पर अधिकारी चले गये। गैरकानुनी ढंग से हुई इस कारवाई से धरती माँ लोककल्याण सोसायटी और मानव शक्ती सोसायटी मे लोक काफी दहशत मे है और अपने घर को तुटने का डर से वो काम को भी नही जा रहे है.
करिब 5000 लोग न्याय मिलने हेतू समाजसेविका ज्वाला धोटे व प्रा सचिन कालबांडे इनके नेर्तुत्व मे 21 जनवरी को वाठोडा पोलीस स्टेशन मे इसकी शिकायत दर्ज की, पोलीस उपायुक्त अजनी और तहसीलदार इन्हे भी लिखित रूप से शिकायत दर्ज की। पोलीस उपायुक्त ने इस की छानबीन आर्थिक गुन्हे शाखा को सोपी, सोसायटी मालक व अधिकारी जो भी लोग दोषी है, उनके ऊपर कारवाई करणे की मांग की गई ।
तहसीलदार का काम है की, हर साल नागपूर के जो भी जगह है , उनके उपर जो भी कार्य हो रहा है निवासी हो या खेती हो, उसकी नोंद तलाठी के मार्फत रेकॉर्ड पर दर्ज करे, लेकिन जानकारी लेने पर पता चला की, तलाठी ने इस एरिया मे बीस साल से घर होने का रेकॉर्ड ही दर्ज नही किया, प्रा.सचिन कालबांडे इन्होणे एनआयटी से मांग की , गजानन शेंदरे, नंदा शेंदरे, कमलेश शेंदरे महिपत शेंदरे व अन्य को 1999 से 2029 तक दी गई लीज को यहा रह रहे लोंगो को ट्रान्सफर करे और फ्री होल्ड का शुल्क जमा कर पीडित लोगो को मालिकाना हक्क दे।