पालकी में विराजमान श्री गुरु ग्रंथ साहिब के श्रद्धालूओं ने किए दर्शन
गोंदिया: सिखों के प्रथम गुरू श्री गुरूनानक देवजी सहृदयता, उदारता और उपकार के प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अपने समयकालीन समाज को जागृत किया, वे बहुत बड़े समाज सुधारक और पथ प्रदर्शक थे। उनका संपूर्ण जीवन ही एक यज्ञ था, वे असहाय और गरीब लोगों के बल थे। उन्होंने इस संसार को सत्य, शांती और प्रेम का संदेश दिया।
आज जब समस्त जगत भौतिकता और रूढ़ीवादिता के मकड़ जाल में फंसता जा रहा है, एैसे में गुरूनानक देवजी द्वारा बताए गए मार्ग को अपनाकर ही आज मानव जीवन का कल्याण संभव है।
गुरूनानक देवजी के 550 वें प्रकाश पर्व के मौके पर मानवता का संदेश लेकर 2 जून को कर्नाटक से देश भ्रमण को निकली धार्मिक प्रकाश यात्रा का शुक्रवार 14 जून के शाम गोंदिया के कुुड़वा नाका चौक पर आगमन हुआ।
गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के मेंबर्स ने पालकी यात्रा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया तथा धार्मिक प्रकाश यात्रा के साथ चल रहे वाहनों में सवार किर्तन जत्थेदारों का भी पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में निकाला गया भव्य किर्तन शहर के मुख्य मार्गो से भ्रमण करता हुआ आगे बढ़ा ।
सर्व धर्म समभाव के प्रतीक गोंदिया शहर ने भाई चारे की अनोखी मिसाल पेश की तथा पालकी यात्रा का जैन बंधुओं, मुस्लिम भाईयों और बसपा कार्यकर्ताओं और सिंधी समाज ने गर्मजोशी से पुष्पवर्षा करते हुए भव्य स्वागत किया। सिखों के पहले धर्मगुरू गुरूनानक देवजी के प्रकाशोत्सव की पूर्व संध्या पर शहर के गुरूद्वारों में खास रोशनाई की गई थी। बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं ने गुरू ग्रंथ साहिब के आगे शीष झुकाकर मत्था टेका और दर्शनार्थी श्रद्धालुओं ने जयघोष किया।
प्रभु भक्ति का प्रचार और नाम सिमरन करते हुए श्रद्धालुओं ने फुलों से सजी पालकी में विराजमान श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के दर्शनों का भी लाभ उठाया। गुरू प्यारी-गुरू सवारी शहर के प्रमुख मार्गो से होकर गुरूद्वारा श्री गुरूसिंघ सभा, गुरूद्वारा गुरू तेग बहादूर साहिब होते हुए आगे बढ़ी, सभी साध संगत व गुरूनानक नाम लेवा संगत गोंदिया ने अपनी हाजरी भरकर गुुरूघर की खुशीयां प्राप्त की। गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रति, दिल की गहराईयों से आभार व्यक्त किया गया।
विशेष उल्लेखनीय है कि, 550 वें श्री गुरूनानक प्रकाश उत्सव पर्व जो आगामी 12 नवंबर 2019 को आ रहा है, उसी संदर्भ में पालकी साहिब में विराजमान श्री गुरू ग्रंथ साहिब के दर्शन यात्रा कर्नाटक से आरंभ हुुई जो भंडारा, तुमसर, तिरोड़ा होते हुए गोंदिया पहुंची तथा रात्रि विश्राम पश्चात यह पालकी साहिब की यात्रा आज सुबह गंतव्य स्थान की ओर रवाना हुई।
प्रकाश यात्रा के सफल आयोजन हेतु अध्यक्ष स. हरजीत सिंह जुनेजा, प्रीतपालसिंह होरा, तरनजीतसिंह गुरूदत्ता, सतबीरसिंह मथारू, रंजीतसिंह गुलाटी, देवेंद्रपालसिंह भाटिया, सिमरनसिंह होरा, प्रीतसिंह मान गब्बी, त्रिलोचनसिंह भाटिया, इंदरजीत (पप्पू अरोरा), सुरिंदर सिंह टीटू सलुजा, राजा गुरूदत्ता होरा, प्रो. इंद्रजीतसिंग (राजु) जुनेजा, प्रो. प्रितपालसिंह जुनेजा, सुरजीत सिंह गुलाटी, किशन गांधी, सुखमानसिंह भाटिया, मोती अरोरा, सन्नी भाटिया, गुरूदयाल सिंह रामानी, जसपालसिंह चावला, सुरजीत गुरूदत्ता, हन्नी सलूजा, हरदीप सलूजा, बलवीर सलुजा, बिट्टू भाटिया, हरजीत चावला, लाली ठकरानी, राजा भाटिया एंव सिंधी समाज के गणमान्यों ने अथक प्रयास किया।
रवि आर्य