नागपुर – पारशिवनी के गटशिक्षणाधिकारी विभाग के जन सूचना अधिकारी गिरिगुसे और रेवतकर के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता संघ के जिला कार्यअध्यक्ष शेखर कोलते ने वरिष्ठ विभाग और ग्रामीण विकास मंत्रालय को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है. यह शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री से भी की गई है. जानकारी के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता शेखर कोलते ने पंचायत समिति के गट- शिक्षणाधिकारी के कार्यालय में सूचना के अधिकार के तहत दो जानकारियां मांगी थी. दोनों में अधिनियम की धारा 7 के अनुसार 48 घंटे के भीतर जानकारी प्रदान करने का अनुरोध किया था.
कार्यालय की जन सूचना अधिकारी गिरगुसे को अधिनियम की धारा 7 के अनुसार 48 घंटे के लिए जानकारी देने के लिए निवेदन किया था. लेकिन गिरिगुसे ने आवेदक को किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी. साथ ही जानकारी देना या न देना इसके बारे में भी लिखित में आवेदक कोलते को नहीं बताया. कोलते ने फ़ोन पर गिरगुसे से जानकारी की बात कही तो ऑफिस में आकर लेकर जाईये आपकी जानकारी तैयार है. ऐसा बताया गया. भारी बारिश के बिच आवेदनकर्ता कोलते खापरखेड़ा गए तब कार्यालय में गिरगुसे ने एक घंटा बिठकार रखा और बताया कि आपकी जानकारी तैयार नहीं है. आप बाद में आईये. महिला अधिकारी ने जानकारी उपलब्ध नहीं होने पर भी गलत सूचना आवेदनकर्ता को दी और जिसके कारण आवेदकर्ता को शारीरिक और मानसिक परेशानी हुई. इस बारे में कोलते ने लिखित शिकायत उसी दिन कार्यालय में की .
जुलाई 2018 में ही कोलते ने कार्यालय में जाकर पूछताछ की तो उन्हें बताया गया कि सूचना अधिकारी बदल चुके हैं और अब रेवतकर सूचना अधिकारी हैं. उनसे आप जानकारी लीजिये. लेकिन इस बारे में किसी भी तरह की सूचना आवेदक को नहीं दी गई. जब रेवतकर से आवेदनकर्ता ने जानकारी मांगी तो उन्हें बताया कि दो में से एक ही आवेदन की जानकारी तैयार है जिसके दस पेजस का स्टेट बैंक में चालान भरने के लिए कहा गया.
जब आवेदनकर्ता ने कहा कि कार्यालय में ही शुल्क भर देता हूं, आप उसकी रसीद दे दीजिये तो उन्हें बताया गया कि ऐसी कोई भी रसीद ऑफिस में मौजूद नहीं है. लेकिन जब आवेदनकर्ता ने देखा तो एक आवेदन में केवल 4 ही पेजेस थे. 4 पेजेस के लिए रेवतकर ने आठ रुपए भरने के लिए कहा. इस सम्बन्ध में जब गट-शिक्षणाधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने यह जानकारी निशुल्क उपलब्ध कराकर दी गई.
कोलते का कहना है कि पूर्व की सूचना अधिकारी गिरगुसे ने पांच दिनों के भीतर कुछ नहीं किया और आवेदन पर जानकारी देने का भी प्रयत्न नहीं किया. यह कोलते को पोस्ट से पता चला.
इस पूरे मामले से यह पता चलता है कि पारशिवनी के पंचायत समिति में सूचना के अधिकार के नियम के तहत प्रशिक्षित अधिकारी नहीं है. कार्यालय में किसी भी अधिकारी को जन सूचना अधिकारी बनने की इच्छा नहीं है. यह काम और यह पद उन्हें अतिरिक्त लगता है. इन अधिकारियों के कारण सूचना के अधिकार के नियम के तहत इसका उद्देश्य ही बदल रहा है. इस नियम की ही धज्जियां उड़ रही हैं.
इस पूरे मामले पर नागरी हक्क संरक्षण मंच कार्यकर्ता महासंघ के जिला कार्याध्यक्ष शेखर कोलते ने जानकारी न देनेवाले आवेदनकर्ता को गुमराह करनेवाली जन सूचना अधिकारी गिरिगुसे और रेवतकर पर कार्रवाई करने की ऑनलाइन शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री, ग्रामविकास मंत्री, पालकमंत्री, जिल्हाधिकारी और लिखित शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, शिक्षणाधिकारी से भी की है.