नागपुर: आगामी चुनावो के लिए पार्टी को मजबूत करने का लक्ष्य लिए राष्ट्रवादी पार्टी सुप्रीमो शरद पवार दो दिवसीय विदर्भ के दौरे पर है।इसी के तहत पवार गुरुवार को नागपुर में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लिया और कार्यकर्ता को संबोधित किया। इस दौरान देश में पाकिस्तान पर किये गए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर शुरू बहस के बीच केंद्र सरकार पर जबरजस्त हमला बोला। पवार ने कहाँ अपने देश की सुरक्षा करना सेना का धर्म है केंद्र सरकार द्वारा की गई कार्यवाही पर वो प्रधानमंत्री और सेना का अभिनंदन करते है। पर ऐसी कार्यवाहियों का ढिंढोरा नहीं पीटते। वो खुद रक्षा मंत्री रहे है। डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने नागालैंड में उग्रवाद फैला रहे उग्रवादियों पर दूसरे देश में जा कर इसी तरह की कार्यवाही की थी। वो और प्रफुल्ल पटेल जब केंन्द्र में मंत्री थे उस दौरान चार सर्जिकल स्ट्राइक की कार्यवाही हुई पर ढिंढोरा नहीं पीटा गया। देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर राष्ट्रवादी पार्टी राजनीति नहीं करती पर इस कार्यवाही के बाद बीजेपी नेताओं के बयानों से मानो ऐसा लग रहा है यह कार्यवाही सेना ने नहीं बल्कि इन नेताओं ने की है। कल प्रधानमंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान न देने की अपील की है फिर भी बीजेपी के नेता बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे
बातों को घुमाने की बजाय सबसे चर्चा कर आरक्षण का मुद्दा सुलझाए मुख्यमंत्री
राज्य भर में मराठा समाज द्वारा किये जा रहे मूक मौर्चे को लेकर राष्ट्वादी की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस विषय पर बोलते हुए पवार ने कहाँ की उसकी पार्टी इस आंदोलन को समर्थन दे रही है पर वो ऐट्रोसिटी को ख़त्म करने के पक्ष में नहीं है। यह कानून जिन लोगो के संरक्षण के लिए बनाया गया है उन्हें इसका फायदा होना चाहिए पर इस कानून का दुरूपयोग करने वालों पर कार्यवाही होनी चाहिए। मराठा समाज की आरक्षण की माँग है यह भी जायज है मुख्यमंत्री तर्क दे रहे है की 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता जबकि तमिलनाडु में 75 फीसदी आरक्षण दिया है। मुख्यमंत्री मुद्दे को भटकाने की बजाए इसका हल निकले सबसे चर्चा करे। कोपार्दी की घटना के बाद मुख्यमंत्री ने एक महीने के भीतर चार्जशीट दर्ज कराने का भरोषा दिया था अब तीन महीने होने को आये अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। पवार ने कहाँ मुख्यमंत्री मराठा समाज द्वारा आरक्षण पर की जा रही माँग पर’ सवाल उठा रहे है।
विस्थापित और प्रतिस्थापित का तर्क देकर हमें प्रतिस्थापित बता रहे है। पर यह उसकी गैरसमझ है इसके अंतर को उन्हें समझना पड़ेगा। हम राजनितिक दल है हर 5 साल बाद हमें चुनाव में जाना पड़ता है आज हम विस्थापित है हमारी तरह कल वो भी विस्थापित होंगे। हमें प्रतिस्थापित बताकर मूल प्रश्न से ध्यान भटकने की उनकी साजिश है उन्हें समझना होगा की प्रतिस्थापित कौन है। प्रतिस्थापित क्लास वन ऑफिसर है जो एक बार नौकरी में लगाने के बाद 60 साल तक उसी स्थिति में रहेगा। जिसके जीवन में स्थिरता रहती है वह प्रतिस्थापित होता है। किसान विस्थापित है आरक्षण की माँग उसकी है महात्मा ज्योतिबा फुले ने शिवजी महाराज को कुनबी समाज का राजा बताया था आज कुनबी समाज अपने लिए हक़ माँग रहा है। अपने लिए शिक्षा का अधिकार माँग रहा है। मौजूद सरकार अनुदानित स्कूलों के लिए बनाये गए नियम में बदलाव कर अनुदान को रद्द कर दिया जो किसान परिस्थिति की वजह से विस्थापित हुए है वो अपने बच्चो के लिए आरक्षण माँग रहे है।
मुख्यमंत्री हमें ताना मारते हुए कहते है की जब हम सत्ता में थे तब क्या किया। पर शायद वो ये भूल रहे है की सत्ता के कामकाज से नाखुश जनता सड़क पर उतरती है। हमारे शाशनकाल में जनता हमसे खुश थी आप के शाशनकाल में खुश नहीं है इसलिए सड़क पर उतर रही है। एक दूसरे पर टिका टिप्पणी करने से हल नहीं निकलेगा सबसे बात कर मौजूद व्यवस्था को जस का तस बनाये रखते हुए बीच रास्ता निकाले।
किसान का नुकसान कर विकास मंजूर नहीं
शरद पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीश द्वारा नागपुर – मुंबई के बीच तैयार किये जाने वाले मार्ग के लिए अधिग्रहण के तरीके पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहाँ की किसानों को मुआवजा भूमि अधिग्रहण कानून के तहत तत्काल मिलाना चाहिए। सरकार भागीदार बनाने की संकल्पना कारगर नहीं है किसान आज अपनी जमीन सरकार को सौप देगा यह प्रोजेक्ट 20 वर्षो में पूरा होगा तबतक किसान उसका परिवार क्या करेगा। हमें विकास मंजूर है विकास के लिए किसान ख़ुशीख़ुशी सहयोग देगा पर किसान को बर्बाद कर होने वाला विकास मंजूर नहीं। अर्थव्यवस्था के विकास के लिए किसान का सक्षम होना जरुरी है पर केंद्र और राज्य सरकार किसान को बर्बाद कर विकास लाना चाहती है।
जनता की माँग का समर्थन
अलग राज्य के मुद्दे पर अपनी पार्टी की भूमिका स्पस्ट करते हुए पवार ने कहाँ की लोकतंत्र जनता की भागेदारी से चलता है। अगर विदर्भ की जनता अलग राज्य चाहती है तो हम जनता का समर्थन करते है। पर अफ़सोस ये है को अलग राज्य देने का वादा कर सत्ता में काबिज हुए अब उनकी ही नियत में खोट आ गई है। बीजेपी विदर्भ बनाना ही नहीं चाहती उसने सिर्फ जनता से छलावा किया है।
Pics by Roshan Singh