नागपुर: दिल्ली की राज्य सरकार ने चुनाव के समय वहां की जनता से वादा किया था कि बढ़े हुए बिजली के बिलों से नागरिकों को छुटकारा दिलायेंगे. सरकार आने के बाद नागरिकों को दिल्ली में राहत भी मिली. लेकिन महाराष्ट्र में नागरिकों को बिजली के बिल ने परेशान कर रखा है. इससे भी बुरी हालत आज नागपुर शहर की है. पिछले कई वर्षों से बेतहाशा बिजली बिल के कारण नागरिक परेशान हो चुके हैं.
जिस निजी कंपनी को सरकार ने बिजली वितरण फ्रैंचाइजी सौंपी है न तो वह आम जनता की सुनने को तैयार है और न ही सरकार. पिछले सात वर्षों से नागरिक हजारों रुपये का बिजली का भर रहे हैं. नागरिकों के अनुसार बिजली वितरण फ्रैंचाइजी कंपनी एसएनडीएल जिन प्रभागों में है वहीं पर नागरिकों को ज्यादा बिल आ रहे हैं. जबकि यह कम्पनी जिस प्रभाग में नहीं है वहां का बिजली बिल सामान्य ही आ रहा है. इस पर कई प्रभाग के नागरिकों से बात भी की गई. गिट्टीखदान,हजारी पहाड़, सेमिनरी हिल्स, दीपक नगर, बोरगांव, कृष्णा नगर, मानवसेवा नगर इन सभी जगहों पर नागरिक बिजली बिल के कारण परेशान हैं.
नागरिकों के अनुसार गर्मियों में 5 हजार रुपए से लेकर 4 हजार रुपए तक बिजली के बिल कंपनी द्वारा भेजे गए. लेकिन पिछले एक महीने से नागरिकों ने अपने घरों से कूलर का उपयोग कम किया है साथ ही इसके फैन का उपयोग भी कम होने लगा है.
बावजूद इसके बिलों में कोई भी कमी नहीं आई है. नागरिकों का आरोप है कि बिजली बिल की शिकायत करने एसएनडीएल कंपनी के केन्द्रों पर जाने पर वहां बैठे कर्मचारी किसी भी तरह से मदद नहीं करते और बिजली बिल भरने के लिए कहते हैं. बिजली बिल ज्यादा भेजने पर किसी भी तरह से मदद नहीं की जाती.
राज्य में भाजपा की सरकार आने से पहले बिजली बिल को लेकर भाजपा सरकार के विधायकों ने कई बार एसएनडीएल के ऑफिस में हंगामा भी किया था और इस कंपनी का पुरजोर विरोध भी किया था. लेकिन सत्ता में आने के बाद बिजली बिल का मुद्दा ही सरकार भूल जाने की बात भी कई नागरिकों ने कही है. कंपनी के कामकाज को लेकर समय समय पर नागरिकों द्वारा और खुद शहर के विधायकों द्वारा नाराजगी भी जताई गई है. बावजूद इसके प्रशासन मौन रहकर खामोश बना हुआ है.
प्रभाग 12 में रहनेवाले चंदन साहू ने बताया कि पिछले 3 महीने से 5-5 और 4 हजार रुपए बिजली का बिल भेजा जा रहा है. जिसके कारण घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है. गर्मियों में भी उतना ही बिल भेजा जाता है और बारिश और ठंड में भी उतना ही बिल दिया जाता है. कई बार दुसरों से पैसे लेकर भी बिजली बिल भर चुके हैं.
प्रभाग 12 में ही रहनेवाले देवेंद्र जैस्वाल का कहना है कि कूलर का उपयोग महीने भर पहले ही बंद कर चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके बिजली बिल में कोई कमी नहीं आ रही है. कंपनी के ऑफिस में जाने पर और इसकी शिकायत करने पर वहां से बेरंग लौटा दिया जाता है. समझ नहीं आता जाएं तो जाए किस के पास.