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नागपुर: मनपा परिवहन विभाग के मार्फ़त शहर में तीन बस संचालक ‘रेड बस’ का संचलन कर रहे हैं. इन्हें किए गए करार के अनुसार मासिक भुगतान किया जाना चाहिए था लेकिन इन्हें सितंबर माह से भुगतान नहीं किया गया. जब यह मामला तप कर सार्वजानिक हो गया तब प्रशासन ने अपना दामन बचाने के लिए आज तीनों बस संचालकों को 75-75 लाख रुपए का भुगतान किया।
ज्ञात हो कि परिवहन विभाग अंतर्गत कुल ७ ठेकेदार के मार्फ़त मनपा प्रशासन ‘आपली बस’ का जैसे-तैसे संचलन कर रही है. इन सभी ठेकेदारों का अब तक मनपा ने 47.5 करोड़ रुपए रोक रखा था। इसमें 3 रेड बस व ग्रीन बस आपरेटरों, कंडक्टर आपूर्ति कर्ता द्वय यूनिटी व एसआईएस और डिम्ट्स का समावेश था। जिसमें से प्रशासन ने प्रमुख जरूरतमंद 3 रेड बस ऑपरेटर को 10-10 करोड़ में से 75-75 लाख रुपये आज भुगतान किया। वैसे यह भुगतान तीनों बस ऑपरेटरों के लिए नाकाफी है। यह राशि तो ईंधन आदि के लिए पूरी नहीं होगी।
उक्त बकाया राशि के लिए तीनों ऑपरेटरों ने मनपा के सभी दर में दस्तक दी। लेकिन किसी ने मांग पूरी कराने में मदद नहीं की। इन्हें डिम्ट्स और परिवहन प्रबंधक से काफी दिक्कतें आ रही थीं। कल पूर्व और वर्तमान सभापति ने अपने अपने स्तर से महापौर के मार्फत प्रशासन पर दबाव बनवाया। यहां तक कि कुछ रूट खर्च सहन नहीं करने के कारण बंद करने की नौबत आ सकती हैं। ऐसे में अपमान से बचने के लिए प्रशासन ने सत्ताधारियों की लाज रखते हुए,सिर्फ रेड बस संचालकों को नाममात्र का भुगतान किया।
सभापति को मिलेगी पुरानी कार
खटारा कार की सवारी कर रहे 250 करोड़ के सभापति पिछले सप्ताह पैदल हो गए थे। यह मामला प्रकाश में आते ही प्रशासन ने 3 नई कार खरीदने की योजना बनाई। वह भी आयुक्त,अतिरिक्त आयुक्त और उपायुक्त मोहिते के लिए। आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त की पुरानी कार में से एक परिवहन सभापति को थमाने की योजना है।