नागपुर: शहर में कचरे का संकलन करने वाली कंपनी कनक रिसोर्सेस मैनेजमेट लिमिटेड को जरुरत से ज्यादा भुगतान किये जाने के आरोप लगते रहे है। लेकिन कंपनी का दावा है की उसे महानगर पालिका द्वारा उचित भुगतान किया जा रहा है। 17 नवंबर 2008 को मनपा के साथ कंपनी का करार हुआ था जो इसी वर्ष जून में ख़त्म हो रहा है कंपनी को उम्मीद है की यह करार आने वाले समय के लिए फिर बढ़ जाएगा।
वर्तमान में कंपनी शहर भर से 11 सौ से लेकर 1150 मेट्रिक टन कचरे का संकलन रोज कर कर रही है। वर्तमान में प्रति टन मनपा द्वारा 1306 रूपए का भुगतान किया जा रहा है। इस हिसाब से मनपा हर महीने 4 करोड़ 30 लाख 98 हजार रूपए का भुगतान हर महीने कनक को कर रही है। कंपनी के मुताबिक वह प्रतिकूल परिस्थिति में नागपुर में अपनी सेवा दे रही है जबकि खर्चे के हिसाब से आमदनी हासिल होना उसे बीते एक वर्ष से शुरू हुआ है।
कनक को की जाने वाली पेमेंट पर उठ रहे सवालों पर कंपनी का कहना है कि उसे भुगतान करार की शर्तो के हिसाब से ही किया जा रहा है। वर्ष 2008 में प्रति टन 449 रूपए का भुगतान होता था। लेकिन 2008 से 2018 के दौरान महॅगाई के हिसाब से खर्चा बढ़ा,स्वच्छ भारत अभियान की वजह से कचरे के संकलन के लिए उपयोग में लाये जाने वाले वाहनों में तकनिकी बदलाव किया गया। इतने वर्षो में शहर में शहर का दायरा बढ़ा जिससे कंपनी के इन्वेस्टमेंट कॉस्ट में बढ़ोत्री हुई। कंपनी ने अपने सभी 1700 कर्मचारियों के न्यूनतम वेज बोर्ड को भी लागू किया है।
मनपा भुगतान वेजेस प्राइज़ इंडेक्स (WPI ) के तहत कर रही है। जिसका सर्टिफिकेट हर तीन महीने में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ( RBI ) जारी करती है।