नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं डेढ़ महीने में पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ने से आपकी जेब पर कितना असर पड़ा है? नहीं, क्योंकि शायद आप ये भी नहीं जानते होंगे कि तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमत में कितना इजाफा कर दिया है? जी हां, तेल कंपनियां पिछले कुछ समय से चुपचाप ग्राहकों की जेब पर वार कर रही हैं और पेट्रोल डीजल के दाम पिछले डेढ़ महीने में पांच रुपये तक बढ़ा दिए हैं। खास बात ये है कि पहले जहां तेल के दाम दो-तीन रुपये बढ़ने पर हल्ला मच जाता था वहीं तेल कंपनियों के इस कारनामे पर किसी को कानो कान खबर नहीं हुई।
पिछले एक महीने में तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में 12 फीसदी का इजाफा कर दिया है। केंद्र सरकार के रोज तेल कीमतों में बदलाव को हरी झंडी देने के निर्णय के बाद तेल कंपनियां चुपचाप कीमतों में वृद्िध करने में लगी हैं।
मोदी सरकार के इस कदम का न तो कोई विरोध कर रहा है, न ही इस पर किसी तरह की कोई चर्चा देखने या फिर सुनने को मिली है। तेल कंपनियों ने 16 जून से पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना बदलने की घोषणा की थी। जिसके बाद से शुरुआती एकआध मौके को छोड़कर तेल की कीमतों में लगातार इजाफा ही हुआ है।
शुरुआत के दिनों में गिरे थे पेट्रोल-डीजल के दाम
16 जून से तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम बदलने की घोषणा की थी। शुरू के एक महीने तक पेट्रोल-डीजल के दामों में रोजाना कुछ पैसों की कमी होने लगी थी, जिससे ग्राहकों को फायदा हुआ। हालांकि पिछले एक महीने (15 जुलाई से 15 अगस्त) के बीच रोजाना पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए हैं।
दिल्ली में पेट्रोल के दाम 15 अगस्त को 68 रुपये प्रति लीटर पहुंच गए थे, जो कि 25 जून को 63.71 रुपये प्रति लीटर था। इस हिसाब से अकेले दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो गया है।
वहीं अगर डीजल की बात करें तो दिल्ली में यह 25 जून को 53.61 रुपये प्रति लीटर था, जो कि बढ़कर के 15 अगस्त को 57.30 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इस हिसाब से इसमें करीब चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई है।
ऐसे बढ़े पेट्रोल के दाम
शुरू के हफ्ते में गिरे थे दाम
16 जून से तेल कंपनियों ने पूरे देश में पेट्रोल-डीजल का रोजाना प्राइस चेंज करने की घोषणा की थी। एक हफ्ते के भीतर पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी कमी हुई है। 16 जून से लेकर के 23 जून के बीच पेट्रोल की कीमतों में 2.68 रुपये प्रति लीटर की कमी हुई और डीजल की कीमतों में 2.09 रुपये की कमी आयी।
ये रहा कमी का कारण
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी का कारण अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में कमी के कारण हुआ है। अभी कच्चे तेल की कीमतें अपने 9 माह के सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं। इससे आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी होने की संभावना है।
अभी रुपये के मुकाबले डॉलर की कीमतें भी स्थिर हैं और इनमें ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। अगर रुपया और कमजोर नहीं होता है तो मार्केट में पेट्रोल-डीजल के दाम 5 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं।
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार 23 जून को रुपए की मजबूत शुरुआत हुई, लेकिन शाम को यह कमजोरी के साथ बंद हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया 3 पैसे की मजबूती के साथ 64.56 के स्तर पर खुला था, जो शाम को 8 पैसे गिरकर 64.51 पर बंद हुआ।
इससे पहले गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोर शुरुआत देखी गई और ये 13 पैसे गिरकर 64.63 के स्तर पर खुला था। बंद होते वक्त ये 3 पैसे की मजबूती के साथ 64.55 पर बंद हुआ था।
डीजल के दामों में ऐसे हुआ इजाफा