नागपुर: कामठी तहसील के मौजा वरंभा, मांगली, वडोदा गांवों में कपास की फसलों पर गुलाबी बोंड इल्ली का प्रकाेप होने की बात सामने आई. जिसपर हाल ही में विशेषज्ञों ने इन फसलों का निरीक्षण किया और बोंड इल्ली के प्रकोप से बचने के उपाय किसानों को बताए.
कामठी तहसील अंतर्गत वरंभा, मांगली, वडोदा गांव में हाल ही में कृषि कीट विशेषज्ञ पंचभाई, मंडल कृषि अधिकारी कामठी सोनल गजभिये, वडोदा के कृषि पर्यवेक्षक मनोज कोठे और उनकी टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया. वहां के सर्वेक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि बोंड इल्ली का व्यवस्थापन करते हुए एडवाईजरी में दिए गए कीट नाशकों का उचित प्रमाण पर छिडकाव कर इस प्रकोप से बचा जा सकता है.
उदाहरण के तौर पर ट्रायएजोफॉस 40 इसी 30 मिलि या डेल्टामेथ्रीन 2.8 का 10 एमएल घोल 10 लीटर पानी में मिलाकर इसका छिड़काव किया जाना चाहिए.
उसी प्रकार यदि प्रकोप 90 प्रतिशत से अधिक होगा तो ऐसे में ट्रायएजोफॉस 35 ईसी प्लस डेल्टामेथ्रीन 18 मिलि या क्लोरेट्रेनीलिप्रोल 9.3 प्रतिशत प्लस लॅब्डासहाॅलोथ्रीन 5 मिलि या इंडॅक्जिकार्ब प्लस एसीटामाप्रिड 10 मिलि या क्लोरोपाइरीफॉस प्लस सायपरमेथ्रीन 20 मिलि का घोल 10 लीटर पानी में मिलाकर इसका छिड़काव किया जाना चाहिए. लेकिन यह छिडकाव करते समय किसानों को पूरी सतर्कता बरतनी जरूरी है, ऐसी जानकारी तहसील कृषि अधिकारी ने दी है.