Published On : Mon, Dec 18th, 2017

महाजेनको की जमीन पर भारतीय विद्या भवन स्कूल को जगह देने के खिलाफ याचिका

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Bhartiya Vidya Bhavan
नागपुर: खापरखेड़ा में महाजेनको की 10 एकड़ जमीन भारतीय विद्या भवन को दिए जाने को लेकर मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता नागरिक हक्क संरक्षण मंच के अध्यक्ष जनार्दन मून के अनुसार यह जमीन तलाबा के विकास कार्य के लिए आरक्षित थी। लेकिन राजनीतिक दबाव के तहत महाजेनको को यह जमीन बिना किसी प्रक्रिया के हस्तांतरित करनी पड़ी।

उपयोगकर्ता के बदलाव को बिनाशर्त बदलाव ला कर सीबीएसई स्कूल को बोर्ड की बिना प्राधिकृत अनुमति के स्कूल प्रबंधन को स्कूल बनाने की अनुमति दी गई है। भारतीय विद्या भवन के अलावा मून ने महाराष्ट्र सरकार और महाजेनको (मुख्य अभियंता), ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, एनआईटी और स्टेट इंफॉर्मेशन कमिश्नर को पार्टी बनाया है। मून ने आरोप लगाया है कि सरकारी जमीन गैर अनुदानित निजी स्कूल को बिना निविदा या रिजॉल्युशन के दी है। जमीन के सातबारा रिकॉर्ड में भी जमीन तालाब के विकास योजना के लिए आरक्षित बताई गई है।

महाजेनको के मुख्य अभियंता को बावनकुले ने दवाब में लाकर यह जमीन स्कूल के िलए दी है। वहीं एनआईटी ने स्कूल के बिल्डिंग प्लान को सैध्दांतिक मंजूरी प्रदान की। चूंकि जमीम जल संरक्षण व कृषि कार्य के िलए आरक्षित थी इसलिए स्कूल की योजना को मंजूरी देने के िलए एनआईटी को आरक्षित जमीन को राज्य सरकार के सैंक्सशन प्लान की की जरूरत थी। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार सरकारी जमीन को निविदा के बिना नहीं दे सकती है। उन्होंने ऊर्जा मंत्री द्वारा जमीन का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है।

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