नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर बिना एसपीजी की सुरक्षा के कहीं भी आने जाने पर रोक लगाने के संबंध में दायर याचिका खारिज कर दी। इसमें राहुल पर एसपीजी की सुरक्षा व्यवस्था का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
अदालत ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था का मुद्दा केंद्र सरकार का है और वही इस मामले में कोई निर्णय लेने में सक्षम है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने याची के उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि राहुल को अदालत में हलफनामा देने का निर्देश दिया जाए कि वह अपने सुरक्षा कवर के बिना यात्रा नहीं करेंगे।
यह जनहित याचिका महाराष्ट्र से भाजपा नेता तुहन सिन्हा ने दायर की थी। उन्होंने कहा था कि राहुल यात्रा के दौरान लगातार एसपीजी द्वारा तय दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं जिससे उनकी जान को खतरा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी अधिनियम में 1991 में संशोधन कर उनके परिवार के सदस्यों को भी एसपीजी सुरक्षा प्रदान की गई है। पीठ ने कहा कि इस तरह के मामलों को तय करने के लिए यह उचित मंच नहीं है, ऐसे में याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।
‘हम सुरक्षा पर फैसला नहीं करेंगे’
उन्होंने कहा हम सुरक्षा पर फैसला नहीं करेंगे। सुरक्षा के लिए हम सरकार पर निर्भर हैं और उसके मूल्यांकन पर भरोसा करते हैं। केंद्र सरकार के वकील अनिल सोनी ने कहा कि राहुल गांधी अपने सुरक्षा कवर के बिना यात्रा कर रहे हैं, यह गैरजिम्मेदाराना व्यवहार है।
उन्होंने कहा कि यदि कोई अप्रिय घटना हुई तो सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। अदालत ने कहा कि सरकार के अधिकारी इस मुद्दे पर कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। राहुल की गुजरात यात्रा के दौरान 5 अगस्त को उनकी कार पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था।
आठ अगस्त को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल द्वारा एसपीजी के दिशा निर्देशों का पालन न करने पर निंदा की थी। एक नवंबर को गुजरात में रोड शो के दौरान एक युवती उनकी कार में चढ़ गई थी और राहुल के साथ सेल्फी ली थी।